स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई की नियुक्तियों पर सवाल: हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी; कहा- अयोग्य डॉक्टरों को मरीजों का इलाज करने की अनुमति नहीं दी जा सकती – Indore News

स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई की नियुक्तियों पर सवाल:  हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी; कहा- अयोग्य डॉक्टरों को मरीजों का इलाज करने की अनुमति नहीं दी जा सकती – Indore News



हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब।

इंदौर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने ‘स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई, इंदौर’ में कई महत्वपूर्ण पदों पर की गई नियुक्तियों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है- “अगर डॉक्टर वास्तव में अयोग्य हैं, तो उन्हें मरीजों का इलाज करने की अनुमति नहीं दी

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कोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा कि याचिकाकर्ता को जनहित याचिका दायर करने का पूरा अधिकार है, क्योंकि यह केवल भर्ती प्रक्रिया नहीं बल्कि आम जनता की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है।

अयोग्य लोगों की नियुक्ति का आरोप

यह जनहित याचिका कमल गोस्वामी ने एडवोकेट अभिनव धनोतकर के माध्यम से दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि ‘स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई’ में डायरेक्टर, एसोसिएट प्रोफेसर, सुपरिटेंडेंट और सहायक प्राध्यापक जैसे उच्च पदों पर नियुक्तियों में अनियमितता और योग्यता में समझौता किया गया।

गोस्वामी ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर दावा किया है कि वर्ष 2019 में डायरेक्टर पद के लिए 20 वर्ष का न्यूनतम अनुभव अनिवार्य था, लेकिन चयनित उम्मीदवार डॉ. प्रतीप व्यास के पास केवल 17 वर्षों का अनुभव था। नियमों के अनुसार चयन के छह माह के भीतर कार्यभार ग्रहण करना जरूरी था, लेकिन डॉ. व्यास ने तय समय में कार्यभार नहीं संभाला और अब तक कोई वैकल्पिक नियुक्ति भी नहीं की गई।

डिग्री और शोधपत्रों में भी गड़बड़ियों के आरोप

याचिका में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए गए हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार, जिन पदों के लिए एमएस डिग्री अनिवार्य थी, उनमें डॉ. मीता जोशी को नियुक्त किया गया, जबकि उनके पास केवल डीएनबी की डिग्री है। वहीं, जिन पदों के लिए 2–4 शोधपत्र और चार वर्षों का शिक्षण अनुभव जरूरी था, वहां डॉ. टीना अग्रवाल को नियुक्त किया गया, जिन्होंने अपने आवेदन में कोई शोधपत्र प्रस्तुत नहीं किया।

याचिका में यह भी कहा गया है कि सुपरिटेंडेंट की नियुक्ति में भी पक्षपात हुआ है, और पूर्व डीन के कार्यकाल में हुई इन नियुक्तियों पर वर्तमान डीन द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि शिकायतें पूर्व में दर्ज की जा चुकी हैं।

डायरेक्टर और उनकी पत्नी ने दिया इस्तीफा

इन गंभीर आरोपों के बीच ‘स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई’ के डायरेक्टर डॉ. प्रतीप व्यास और उनकी पत्नी डॉ. शारदिनी व्यास ने बुधवार को अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने डीन को मेल से इस्तीफा भेजा।

सूत्रों के अनुसार, डॉ. व्यास अस्पताल प्रबंधन से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे थे। बताया गया कि डॉ. व्यास पिछले एक महीने से अवकाश पर थे और वापसी के तुरंत बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। खास बात यह रही कि उन्हें बुधवार को ही हाईकोर्ट से भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर नोटिस प्राप्त हुआ।



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