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Burhanpur News: बुरहानपुर के महेंद्र यादव ने एडीएम बनने का सपना देखा, लेकिन रिजल्ट नहीं आया तो सीधे जाकर एडीएम की कुर्सी पर बैठ गए. आज भी यह किस्सा पूरे जिले में मशहूर है.
हाइलाइट्स
- बुरहानपुर के महेंद्र यादव की चर्चा आज भी जिले में होती है
- महेंद्र यादव ने एडीएम बनने का सपना देखा
- रिजल्ट नहीं आया तो वह सीधे एडीएम की कुर्सी पर बैठ गए
बस वहीं से महेंद्र के दिमाग में बैठ गया कि एडीएम आखिर होता क्या है? और जब जान लिया तो ठान लिया कि मुझे तो बस एडीएम ही बनना है. महेंद्र ने 1996 में MPPSC और UPSC की परीक्षा दी, लेकिन दो साल तक रिजल्ट नहीं आया. फिर 1998 में एक दिन उन्होंने सीधे जाकर एडीएम की कुर्सी पर ही बैठने की हिम्मत कर ली. यह हरकत पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गई. आइए जानते हैं कि यह किस्सा है.
सीधा एडीएम की कुर्सी पर जा बैठे
महेंद्र आगे बताते हैं, ‘मैंने बीएससी की पढ़ाई पूरी की. 1996 में एमपीपीएससी और यूपीएससी का एग्जाम दिया था. 2 साल तक रिजल्ट नहीं आया तो मैं 1998 में एडीएम की कुर्सी पर जाकर बैठ गया. उसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि वहां के दो चपरासियों ने मुझे पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी. मौके पर पुलिस पहुंची मुझे गाड़ी में बैठाकर थाने लेकर गई. वहां पर जो थाना प्रभारी थे उन्होंने मुझसे अच्छे लहजे में बात की और उसके बाद 10 घंटे के बाद मुझे छोड़ दिया.
पिता थे सरकारी शिक्षक
महेंद्र बताते हैं कि मेरे पिता कालूराम यादव शासकीय सुभाष स्कूल में सरकारी शिक्षक थे. उनसे ही मैंने प्रेरणा लेकर अच्छी शिक्षा ग्रहण की थी और मेरा सपना भी एडीएम बनने का था, लेकिन जब रिजल्ट नहीं लगा तो मैं अपने सपने को पूरा करने के लिए कुर्सी पर बैठ गया था. आज महेंद्र एक कपड़ों की दुकान में काम करते हैं और गजब की फर्राटेदार इंग्लिश बोलते हैं. उनके बोलने के स्टाइल से ग्राहक सामान लिए बिना नहीं लौटते.
Dallu Slathia is a seasoned digital journalist with over 6 years of experience, currently leading editorial efforts across Madhya Pradesh and Chhattisgarh. She specializes in crafting compelling stories across …और पढ़ें
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