इस अमरूद की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे लगाने के महज छह महीने के अंदर फल लगने लगते हैं और साल में दो बार अच्छी पैदावार होती है. यही नहीं, इसका दाम भी बाज़ार में आम अमरूद से कहीं ज्यादा मिलता है. किसान बताते हैं कि ये अमरूद आधे पानी में भी भरपूर फल देता है. यानी जो खेती अब तक घाटे का सौदा लगती थी, वही अब कमाई का ज़रिया बन सकती है.
कैसे मिलेगा इस योजना का लाभ?
सरकार ने इस अमरूद की खेती के लिए अनुदान भी तय किया है. किसानों को 60 से 80 हज़ार रुपये तक की मदद दी जाएगी, जिससे वे आसानी से पौधे लगा सकें और बगीचा तैयार कर सकें. इसके लिए सबसे पहले mpfsts पोर्टल पर पंजीयन करना होगा. इसके बाद आधार कार्ड, बैंक पासबुक, और ज़मीन से जुड़े दस्तावेज़ जैसे B1 और B2 की नकल अपलोड करनी होगी.
किसान क्या कहते हैं?
एक किसान ने मुस्कुराते हुए बताया कि पहली फसल कब होगी, होगी भी या नहीं, यही सोच-सोच कर दिन बीतते थे. अब ये अमरूद ऐसा है कि आधे साल में ही खेत में हरियाली दिखने लगती है.