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3005 दिन के बाद करुण नायर को दोबारा लीड्स में सफेद जर्सी पहने को मिली पर वो अब तक इंग्लैंड की चार पारियों में सिर्फ 77 रन हीं बना सके है. ऐजबेस्टन टेस्ट में भी लीड्स की तरह उनका बल्ला शांत रहा और दोनों पारियों …और पढ़ें
करुण नायर की 4 पारी में मिली नाकामी से फैंस उठैाने लगे उनकी जगह पर सवाल
8 साल के बाद करुण नायर को लीड्स में दोबारा टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका मिला और वो इसके हकदार भी थे क्योंकि वो घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाकर यहां पहुंचे थे. पर कहते है है ना क्रिकेट में स्किल के साथ साथ किस्मत का भी बड़ा रोल होता है तभी ऐजबेस्टन की दोनों पारियों में 31 और 26 बनाकर वो आउट हो गए यानि अच्छे स्टार्ट को बडे़ स्कोर में कनवर्ट नहीं कर पाएं.
ऐजबेस्टन की पिच पर जब ये तय किया गया कि करुण नायर नंबर तीन पर बल्लेबाजी करेंगे तो हर किसी को लगा कि एक बड़ी पारी इस बार उनके बैट से देखने को जरूर मिलेगी. पहली पारी में शुरुआत भी बेहद शानदार थी जब करुण के हर कवर ड्राइव और स्ट्रेट ड्राइव पर फैंस ताली बजा रहे थे तभी ब्रायन कॉर्स की एक उछाल लेती गेंद को वो संभाल नहीं पाए और स्लिप में उनका कैच पकड़ा गया. दूसरी पारी में भी नायर ने जानदार शुरुआत की पर वो फ्रंटफुट ड्राइव पर इस बार पकड़े गए और गेंदबाज थे फिर ब्रायन कॉर्स. हेडिंग्ले में भी पिच रनों से भी थी पर वहां भी वो दोनों पारियों में खराब शॉट सेलेक्शन का शिकार हुए. 2 टेस्ट की 4 पारियों में 19.25 की औसत से सिर्फ 77 रन सारी कहानी खुद बयां करते हैं.
नायर की चार पारियों में मिली नाकामी से कोई सबसे ज्यादा निराश होगा तो वो है भारतीय टीम मैनेजमेंट. नायर को पहले मैच में जब खिलाया गया तो टीम के साथ पिछले कई दौरों से साथ चल रहे अभिमन्यु ईश्वरन और ध्रुव जुरेल से पहले उनको नायर को मौका दिया गया. पहले टेस्ट में नंबर 6 पर फेल हुए तो तमाम क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने कहा कि वो नंबर 3 पर बेहतर प्रदर्शन करेंगे पर ऐसा हुआ नहीं. कभी वो बाउंस से परेशान हुए तो कभी ड्राइव के लालच को रोक नहीं पाए. नायर की नाकामी थोड़ा हैरान करने वाली इसलिए है क्योंकि वो डोमेस्टिक क्रिकेट में लंबी लंबी पारियां खेल कर इंग्लैंड पहुंचे पर यहां पर उनका बैंड बज गया.