भोपाल में ओबीसी समाज के अधिकारों और आरक्षण संबंधी मांगों को लेकर गुरुवार को ओबीसी जनकल्याण संघ, मध्यप्रदेश ने जिला कलेक्टर कार्यालय में 9 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
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संघ ने संविधान के अनुच्छेद 15(4) और 16(4) का हवाला देते हुए सामाजिक, शैक्षणिक और प्रशासनिक न्याय की मांग की। इस दौरान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार सेसई ने कहा कि यह ज्ञापन महज औपचारिकता नहीं, बल्कि ओबीसी समाज की पीड़ा और अधिकारों की आवाज है। उन्होंने जोर दिया कि सरकार को इस दिशा में शीघ्र सकारात्मक कार्रवाई करनी चाहिए।
ओबीसी जनकल्याण संघ, मध्यप्रदेश ने कलेक्टर कार्यालय में 9 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में उठाए गए प्रमुख मुद्दे
- ओबीसी समाज की पृथक जातिगत जनगणना कराई जाए।
- बैकलॉग पदों की तत्काल भर्ती की जाए।
- मध्यप्रदेश में अनहोल्ड किए गए 13% पदों पर शीघ्र नियुक्तियां हों।
- उच्च शिक्षा में ओबीसी आरक्षण के आधार पर प्रवेश सुनिश्चित किया जाए।
- ओबीसी अत्याचार निवारण अधिनियम लागू किया जाए।
- प्रदेश के सभी जिलों में उच्च न्यायालय की खंडपीठ स्थापित की जाए।
- पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों में 42% ओबीसी आरक्षण लागू हो।
- गोंगाव और लखनपुर जैसी घटनाओं में दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
- सामाजिक, आर्थिक व प्रशासनिक योजनाओं में ओबीसी को समान अवसर मिले।
व्यापक जनआंदोलन की चेतावनी
संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी युवराज सिंह मीणा और छात्र मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु दादू ने चेतावनी दी कि यदि इन मांगों पर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो संगठन प्रदेशभर में व्यापक जनआंदोलन की राह अपनाएगा। संघ ने जिला प्रशासन से आग्रह किया कि ज्ञापन को राज्य और केंद्र सरकार तक तुरंत प्रेषित किया जाए, ताकि ओबीसी समाज से जुड़े मुद्दों पर आवश्यक और न्यायसंगत कार्रवाई की जा सके।
ज्ञापन सौंपने के दौरान संगठन के कई प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे, जिनमें प्रदेश संगठन मंत्री जयंत , भोपाल जिला अध्यक्ष गीतेश साहू, जिला उपाध्यक्ष तनिश बंसल और रायसेन जिला अध्यक्ष पारश लोधी शामिल रहे।