एम्स में सम्मेलन: गंभीर रूप से झुलसे मरीजों व जन्मजात विकृतियों वाले बच्चों के इलाज में मिली उल्लेखनीय सफलता – Bhopal News

एम्स में सम्मेलन:  गंभीर रूप से झुलसे मरीजों व जन्मजात विकृतियों वाले बच्चों के इलाज में मिली उल्लेखनीय सफलता – Bhopal News



राहत की खबर… ब्रैकियल प्लेक्सस इंजरी का अब है इलाज

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कल्पना कीजिए-एक झटका, एक हादसा… और आपका हाथ ऐसा हो जाए जैसे वह शरीर का हिस्सा ही नहीं! न हिल सके, न कुछ पकड़ सके। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि ब्रैकियल प्लेक्सस इंजरी की हकीकत है। राहत की बात यह है कि इस गंभीर समस्या का इलाज न केवल संभव है, बल्कि सफल भी हो रहा है। शनिवार को एम्स भोपाल में इसी विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा) का आयोजन किया गया।

इसमें देशभर के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक डॉ. अजय सिंह, डीन (शैक्षणिक), और कार्यवाहक चिकित्सा अधीक्षक की मौजूदगी में हुई। कार्यक्रम में सर्जरी तकनीकों, मूल्यांकन विधियों, और पुनर्वास की रणनीतियों पर चर्चा हुई।

विभागाध्यक्ष ने बताया कि विभाग ने गंभीर रूप से झुलसे मरीजों और जन्मजात विकृतियों वाले बच्चों के इलाज में उल्लेखनीय सफलता पाई है। उन्होंने अनुसंधान परियोजनाओं और भविष्य की योजनाओं की जानकारी भी दी। आयोजन सचिव ने कहा कि प्लास्टिक सर्जरी को केवल सुंदरता से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। यह उन लोगों की जिंदगी संवारती है जो दुर्घटना, जलन, या विकृति के कारण सामाजिक जीवन से कट चुके होते हैं।

क्या है ब्रैकियल प्लेक्सस इंजरी?

यह इंजरी तब होती है जब कंधे और गर्दन के बीच से गुजरने वाली मोटी नसों (ब्रैकियल प्लेक्सस) को झटका या खिंचाव लगता है। यह खिंचाव इतना गंभीर होता है कि हाथ की शक्ति और संवेदना खत्म हो सकती है। ये नसें शरीर के ‘केबल कनेक्शन’ जैसी होती हैं—एक बार कट जाएं तो हाथ और दिमाग का संपर्क टूट जाता है।

कैसे होती है ये इंजरी

  • बाइक या कार एक्सीडेंट
  • जन्म के समय नवजात शिशु का कंधा खिंचने से
  • ऊंचाई से गिरने या कंधे पर झटका लगने से
  • खेलों में लगी चोट (खासतौर पर कुश्ती या रग्बी)

क्या नुकसान हो सकता है

  1. हाथ उठाना तक मुश्किल
  2. उंगलियों की पकड़ जाती रहती है
  3. मांसपेशियां धीरे-धीरे गलने लगती हैं
  4. मरीज मानसिक रूप से भी टूटने लगता है

​​​​​​​​​​​​​​इलाज के विकल्प नर्व ग्राफ्टिंग: कट चुकी नस को जोड़ना नर्व ट्रांसफर: किसी अन्य नस से नई कनेक्टिविटी बनाना मसल ट्रांसफर: मांसपेशियों का पुनर्स्थापन फिजियोथेरेपी: ताकत और मूवमेंट दोबारा पाना इलाज के फायदे: हाथ दोबारा हिलने लगता है। आत्मनिर्भरता लौटती है

आत्मविश्वास फिर से लौट आता है ^हर साल ऐसे सैकड़ों केस होते हैं, जिनमें लोग सोचते हैं कि अब हाथ कभी काम नहीं करेगा। लेकिन अब टेक्नोलॉजी और सर्जरी से इसे ठीक किया जा सकता है। प्लास्टिक सर्जरी सिर्फ सुंदरता के लिए नहीं, बल्कि मरीजों की कार्यक्षमता और जीवन की गुणवत्ता लौटाने का एक माध्यम है। ब्रैकियल प्लेक्सस इंजरी पर चर्चा इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। डॉ. अजय सिंह, डायरेक्टर, एम्स भोपाल



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