सड़क पर 3 घंटे रखा महिला का शव, जाम लगा: गांव में मुक्तिधाम नहीं, बनवाने की मांग; लिखित आश्वासन मिलने पर माने ग्रामीण – Ashoknagar News

सड़क पर 3 घंटे रखा महिला का शव, जाम लगा:  गांव में मुक्तिधाम नहीं, बनवाने की मांग; लिखित आश्वासन मिलने पर माने ग्रामीण – Ashoknagar News


अशोकनगर जिले की बरखेड़ा जागीर पंचायत के पीपलखेड़ा गांव में रविवार को एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद अंतिम संस्कार को लेकर उपजे संकट ने प्रशासन की लापरवाही की पोल खोल दी। गांव में श्मशान घाट न होने और लगातार बारिश के बीच परेशान ग्रामीणों ने मृतका की ड

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करीब 3 घंटे चले इस प्रदर्शन के बाद प्रशासन को मौके पर पहुंचकर लिखित आश्वासन देना पड़ा।

ट्रॉली में शव रखकर पहुंचे ग्रामीण। सड़क पर जाम लगाया।

ट्रॉली में शव रखकर किया चक्काजाम गांव की 55 वर्षीय महिला कुसुंबी बाई पत्नी फूलसिंह अहिरवार का बीमारी के चलते रविवार दोपहर निधन हो गया। लगातार बारिश के कारण शव को गांव में अंतिम संस्कार के लिए कहीं जगह नहीं मिली। गांव में श्मशान घाट की सुविधा पहले से नहीं है। ऐसे में परिजन और ग्रामीण महिला के शव को ट्रैक्टर ट्रॉली में रखकर गांव से बाहर विदिशा रोड पर ले आए और वहां पथरिया मार्ग के सामने सड़क पर ट्रॉली खड़ी कर चक्काजाम कर दिया।

कई बार शिकायत के बाद समाधान नहीं जैसे ही मामले की जानकारी प्रशासन को मिली, मौके पर एसडीएम बृज बिहारी लाल श्रीवास्तव, जनपद सीईओ शैलेंद्र यादव, पटवारी और पंचायत सचिव सहित अधिकारी पहुंच गए। उन्होंने परिजनों और ग्रामीणों से बात कर मामला शांत करने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे।

ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार पंचायत को श्मशान घाट निर्माण को लेकर अवगत कराया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मजबूरी में उन्हें शव को ट्रॉली में रखकर प्रदर्शन करना पड़ा।

विरोध करने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

विरोध करने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

लिखित आश्वासन मिलने के बाद माने ग्रामीण करीब तीन घंटे चले प्रदर्शन के बाद शाम 7 बजे अधिकारियों ने लिखित आश्वासन दिया कि सोमवार से गांव में श्मशान घाट निर्माण के लिए भूमि चिह्नांकन का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद ग्रामीण चक्काजाम हटाने को तैयार हुए।

हालांकि, गांव में श्मशान घाट नहीं होने के कारण मृतिका का अंतिम संस्कार अशोकनगर जिला मुख्यालय पर ले जाकर करना पड़ा।

जमीन नहीं, सुविधा नहीं, अंतिम संस्कार भी मुश्किल गांव वालों ने बताया कि मृतका के पास निजी जमीन नहीं थी और गांव में शासन द्वारा श्मशान घाट का निर्माण भी नहीं कराया गया है। ऐसे में हर बार किसी की मौत होने पर ग्रामीणों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है।



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