गुना में रविवार को हुई तेज बारिश से पुरानी छावनी में सड़कों पर पानी भर गया है।
मध्यप्रदेश के 4 जिले- छतरपुर, टीकमगढ़, अशोकनगर और गुना में बाढ़ के हालात है। रविवार को इन जिलों के कई गांव बाढ़ में घिरे रहे। छतरपुर में तो धसान नदी में पिकअप बह गई। इससे एक व्यक्ति की मौत हो गई। सोमवार को इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-चंबल में मानसून टर्फ और
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प्रदेश में रविवार को भी तेज बारिश का दौर बना रहा। गुना में 9 घंटे में 2 इंच से ज्यादा बारिश हो गई। वहीं, श्योपुर में सवा इंच, खरगोन-टीकमगढ़ में आधा इंच से ज्यादा पानी गिरा, जबकि पचमढ़ी में आधा इंच बारिश हुई। भोपाल, बैतूल, दतिया, ग्वालियर, इंदौर, रायसेन, रतलाम, शिवपुरी, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, मंडला, सागर, बालाघाट, शाजापुर, देवास, सीहोर, आगर-मालवा, राजगढ़, विदिशा समेत कई जिलों में भी कभी तेज तो कभी हल्की बारिश का दौर बना रहा। रात में भी बारिश हुई।
छतरपुर के रनगुवां डैम के 15 गेट खुले, शिवपुरी में उफने नाले रविवार को छतरपुर में धसान नदी में पिकअप वाहन बह गया। इसमें सवार दो लोग शीशा तोड़कर बाहर निकल आए। एक की मौके पर ही मौत हो गई। छतरपुर के खजुराहो में रनगुवां बांध के 15 गेट खोल दिए गए। शिवपुरी में उफनते नाले को पार करते वक्त तीन युवक बाइक समेत बह गए। पेड़ों की डालियों को पकड़ने पर उनकी जान बच गई। ग्रामीणों ने मशक्कत कर उनको बाहर निकाला।
खजुराहो में पुल टूटने से देवगांव-देवरा मार्ग बंद हो गया। छतरपुर-पन्ना जाने वाले वाहनों की लंबी कतार लग गई। बिजली के 6 खंभे बह जाने से कई गांवों की बिजली आपूर्ति भी ठप हो गई। टीकमगढ़ में पुरानी टिहरी रोड पर बने पुल के बगल की दीवार और पेड़ गिर गया। हनुमान सागर तालाब ओवरफ्लो हो गया। वार्ड नंबर 20 की शिव शक्ति कॉलोनी में घरों में करीब 3 फीट तक पानी भर गया।
अशोकनगर में आरोन रोड पर सब्जी मंडी परिसर में करीब 4 फीट तक पानी भर गया। दुकानों में रखी सब्जी बह गई। कुंडेश्वर में नवोदय विद्यालय की कैंटीन सहित क्लास रूम में 3 फीट तक पानी भर गया। बच्चों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया। जमडार नदी के उफान पर होने से टीकमगढ़-ललितपुर रोड बंद हो गया।
रविवार को बारिश की तस्वीरें…

छतरपुर में धसान नदी में पिकअप वाहन बह गया। हादसे में यूपी के ललितपुर निवासी एक व्यक्ति की मौत हो गई। दो अन्य लोगों ने गाड़ी का कांच तोड़कर अपनी जान बचाई।

अशोकनगर में आरोन रोड पर सब्जी मंडी परिसर में 4 फीट तक पानी भर गया। इससे दुकानों में रखी सब्जी बह गई।

गुना में रविवार सुबह से करीब दो इंच बारिश हो गई। इससे पुरानी छावनी में सड़कों पर पानी भर गया। आवाजाही बंद रही।

शिवपुरी में नाले को पार करते वक्त तीन युवक बाइक समेत बह गए। पेड़ों की डालियों को पकड़ने पर उनकी जान बची।
इन जिलों में आज तेज बारिश का अलर्ट मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, राजगढ़, विदिशा, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी और श्योपुर में अति भारी बारिश का अलर्ट है। यहां 24 घंटे में 8 इंच तक बारिश हो सकती है। ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, शहडोल, सागर, रायसेन, सीहोर, शाजापुर, देवास, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, झाबुआ, धार और अलीराजपुर में भारी बारिश हो सकती है। भोपाल में हल्की बारिश का दौर बना रहेगा।
अगले 2 दिन ऐसा रहेगा मौसम…


दो दिन तक पश्चिमी हिस्से में ज्यादा असर मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि प्रदेश से मानसून टर्फ गुजर रही है। वहीं, एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की भी एक्टिविटी है। इस वजह से प्रदेश में बारिश का दौर चल रहा है। अगले दो दिन तक पश्चिमी हिस्से यानी, इंदौर, उज्जैन, भोपाल संभाग में ज्यादा असर देखने को मिलेगा। इसके बाद सिस्टम कमजोर पड़ेगा।
एमपी में इतना रहा तापमान…


10 साल में बारिश का ट्रेंड, पहले भोपाल के बारे में जानिए भोपाल में जुलाई में खूब बारिश होती है। यहां एक ही महीने में 1031.4 मिमी यानी 41 इंच के करीब बारिश होने का रिकॉर्ड है। यह साल 1986 में हुई थी। 22 जुलाई 1973 को एक ही दिन में 11 इंच बारिश हुई थी, जो अब तक का रिकॉर्ड है। साल 2024 में पूरे जुलाई महीने में 15.70 इंच बारिश हुई थी।
भोपाल में जुलाई महीने में एवरेज 15 दिन बारिश होती है यानी हर दूसरे दिन पानी बरसता है। महीने की एवरेज बारिश 367.7 मिमी यानी 14.4 इंच है। बारिश के चलते दिन का तापमान 30 और रात में पारा 25 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है।

इंदौर में इस बार 40% ज्यादा बारिश इंदौर की बात करें तो 24 घंटे में 11.5 इंच बारिश होने का रिकॉर्ड है, जो 27 जुलाई 1913 को हुई थी। वर्ष 1973 में पूरे महीने 30.5 इंच पानी गिरा था। बारिश के चलते यहां भी तापमान में गिरावट देखने को मिलती है। इंदौर में महीने की एवरेज बारिश 12 इंच है। एवरेज 13 दिन यहां बारिश होती है। पिछले साल इंदौर में पूरे महीने 8.77 इंच बारिश हुई थी।

जबलपुर में जुलाई में गिर चुका 45 इंच पानी चारों बड़े शहरों में जबलपुर ऐसा है, जहां सबसे ज्यादा बारिश होती है। वर्ष 1930 में यहां करीब 45 इंच पानी बरसा था जबकि 30 जुलाई 1915 को 24 घंटे की सर्वाधिक 13.5 इंच बारिश हुई थी। 2013 और 2016 में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी।
जबलपुर में जुलाई की सामान्य बारिश 17 इंच है। महीने में 15 से 16 दिन पानी बरसता है।

ग्वालियर में कम बारिश का ट्रेंड भोपाल, इंदौर और जबलपुर की तुलना में ग्वालियर में जुलाई के महीने में सबसे कम बारिश होती है। पिछले 10 साल में 6 बार ऐसा हुआ, जब 8 इंच से कम पानी गिरा हो जबकि यहां की एवरेज बारिश 9 इंच के करीब है।
ग्वालियर में वर्ष 1935 में महीने की सबसे ज्यादा बारिश हुई थी। तब 623.3 मिमी यानी 24.5 इंच बारिश दर्ज की गई थी। इस बार बारिश के अच्छे संकेत हैं। मानसून की दस्तक के साथ यहां तेज बारिश का दौर जारी है। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश की बात करें तो 12 जुलाई 2015 को 190.6 मिमी यानी साढ़े 7 इंच पानी बरसा था। ग्वालियर में जुलाई के महीने में एवरेज 11 दिन बारिश होती है।

उज्जैन में 36 इंच बारिश का रिकॉर्ड उज्जैन में पूरे जुलाई महीने में 36 इंच बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड है। इतनी बारिश साल 2015 में हुई थी। 2023 में 21 इंच से ज्यादा पानी गिर गया था। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश 19 जुलाई 2015 को 12.55 इंच हुई थी। उज्जैन में जुलाई की औसत बारिश 13 इंच है। महीने में 12 दिन पानी बरसता है।
