Last Updated:
Bhopal Famous Lord Shiva Temples: सावन भगवान शिव का प्रिय मास है. माना जाता है कि सावन के सोमवार पर भोलेनाथ के दर्शन मात्र से उनकी कृपा शुरू हो जाती है. ऐसे में हम आपको एशिया के सबसे बड़े शिवलिंग के दर्शन करवाएंगे, साथ ही भोपाल के अन्य शिव मंदिरों के बारे में भी बताएंगे, जहां दर्शन मात्र से भोलेनाथ का आशीर्वाद मिलता है.
भोजपुर मंदिर, जिसे भोजेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, में एशिया का सबसे बड़ा शिवलिंग है. उत्तर भारत का सोमनाथ कहे जाने वाले विश्व प्रसिद्ध भोजेश्वर मंदिर को खूबसूरती से सजाया जाता है. सावन माह में यहां भक्तों का तांता लगा रहता है.

मंदिर की सजावट और अलौकिक श्रृंगार के साथ सावन सोमवार पर बड़ी संख्या में भक्त भोलेनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. पहले सोमवार पर सर्वप्रथम महारुद्राभिषेक और महाआरती के बाद भोलेनाथ का गुलाब, मोगरा, गेंदे और बेलपत्र सहित तीन क्विंटल फूलों से श्रृंगार किया गया.

भोपाल के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक लालघाटी स्थित गुफा मंदिर में हर साल सावन सोमवार पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. यहां गुफा के अंदर भोलेनाथ अलग-अलग रूप में विराजमान हैं. सावन सोमवार पर यहां मंदिर परिसर में मेले का आयोजन भी किया जाता है.

चारों तरफ हरियाली से घिरे इस मंदिर में करीब 71 सीढ़ियां चढ़ने के बाद पहुंचा जा सकता है. यहां गुफाओं में भोलेनाथ की पिंडी स्थापित है, जिनका प्राकृतिक रूप से जलाभिषेक भी होता है. करीब 76 साल पहले बने इस मंदिर में मौजूद गुफाओं को मंदिर का रूप दिया गया है.

उज्जैन के महाकाल के तर्ज पर भोपाल में भी बाबा महाकाल हैं, जो भोपाल के राजा कहलाते हैं. मुक्तेश्वर महाकाल मंदिर में विराजमान भगवान शिव हर सोमवार को शाही सवारी पर नगर भ्रमण पर निकलते हैं. यहां उज्जैन की तरह सावन माह में भगवान महाकाल की भस्म आरती भी की जाती है.

सावन माह में रोजाना सुबह यहां आरती होती है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं. भोपाल के छोला विश्राम घाट स्थित मुक्तेश्वर महाकाल मंदिर में सावन माह में कई अनुष्ठान भी किए जाते हैं.

शिव आराधना के माह सावन के पहले सोमवार पर इस बार भी श्री बड़वाले महादेव मंदिर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. भोपाल के आजाद मार्केट, पीरगेट स्थित बड़ वाले महादेव मंदिर में भगवान का विशेष श्रृंगार किया गया. साथ ही कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.

यहां हर साल सावन सोमवार पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. सावन के पहले सोमवार पर श्रीपाद वाले महादेव मंदिर में बाबा बटेश्वर का कर्पूर गौरम स्वरूप में श्रृंगार किया गया.

शहर के कमला पार्क क्षेत्र में स्थित शीतल धाम की बगिया में बाबा का अलग-अलग रूप में श्रृंगार किया जाता है. यह मंदिर बड़े तालाब से लगा हुआ है और सावन माह में स्वयं ही भोलेनाथ का तालाब में स्थित जल से अभिषेक हो जाता है.

साथ ही भोपाल के नेवरी स्थित प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर, गिन्नौरी, संकट हरण महादेव मंदिर, बरखेड़ा शिव मंदिर, इंद्रपुरी तुरंत महादेव मंदिर और पशुपतिनाथ मंदिर में भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक पूजन और अभिषेक होता है.