बारिश में भींगते हुए खाद का इंतजार करते किसान।
सागर जिले में खरीफ फसलों के लिए यूरिया खाद की भारी किल्लत सामने आई है। बारिश थमने के साथ ही किसानों की भीड़ खाद वितरण केंद्रों पर उमड़ पड़ी, लेकिन खाद की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने से घंटों लाइन में लगे किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
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मंगलवार को मकरोनिया चौराहे स्थित खाद वितरण केंद्र पर सुबह 5 बजे से ही किसानों की लंबी कतार लग गई थी। दोपहर तक 2 हजार से अधिक किसान पहुंच चुके थे। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने तीन काउंटर बनाए, लेकिन एक काउंटर से टोकन नहीं बांटे गए, जिससे किसान भड़क उठे। हालात को संभालने के लिए पुलिस बल बुलाना पड़ा। पुलिस की निगरानी में ही किसानों को टोकन दिए गए।
झमाझम बारिश में भी लाइन नहीं छोड़ी दोपहर करीब 2 बजे जब झमाझम बारिश शुरू हुई, तब भी सैकड़ों किसान लाइन में भीगते हुए खड़े रहे। उन्हें डर था कि अगर लाइन छोड़ी तो नंबर पीछे चला जाएगा। लगभग 15 मिनट तक तेज बारिश में किसान टोकन का इंतजार करते रहे।
खाद वितरण केंद्र पर लगी किसानों की कतार।
75 किमी दूर से आए, फिर भी नहीं मिली खाद टड़ा से आए किसान संजय ठाकुर ने बताया कि केसली ब्लॉक में खाद नहीं है, इसलिए सागर आए हैं। सुबह 8 बजे से लाइन में खड़े हैं लेकिन अभी तक कुछ नहीं मिला। “बिना खाए-पिए खड़े हैं, फसलें पीली पड़ रही हैं, खाद नहीं मिला तो पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी।”
सेमरा के धीरज सिंह ने कहा कि उन्हें 20 बोरी खाद चाहिए, लेकिन लंबी लाइन और उम्र की वजह से ज्यादा देर खड़े नहीं रह पा रहे। पावती लेकर बैठे हैं लेकिन उम्मीद नहीं है कि आज कुछ मिलेगा।

काउंटर पर पुलिस सुरक्षा में टोकन वितरण किए जा रहे।
अधिकारी ने बेटे के साथ की अभद्रता: किसान किशनपुरा से आए लाल सिंह ने बताया कि 15 बोरी खाद लेने आए थे, बेटा लाइन में लगा तो एक अधिकारी ने उसके साथ अभद्रता कर दी। अधिकारियों से जब खाद की कमी की वजह पूछी तो कोई जवाब नहीं मिला। एक एकड़ पर एक बोरी की सीमा तय कर दी गई है, जिससे किसान नाराज हैं।
मांग: पर्याप्त यूरिया की आपूर्ति करे सरकार किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि तुरंत यूरिया खाद की पर्याप्त व्यवस्था की जाए, ताकि खरीफ फसलें बचाई जा सकें। लगातार बारिश के बाद फसलें पीली पड़ने लगी हैं और बिना यूरिया खाद के फसल का उत्पादन गंभीर रूप से प्रभावित होगा।

पानी में भीगते रहे किसान, मगर लाइन से नहीं हटे।