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Raja Rao Ratan Palace Burhanpur: मध्यप्रदेश पूरे देश में अपने शाही इतिहास के लिए मशहूर है. आइए जानते हैं एमपी में मौजीद एक आलीशान किले के बारे में.
हाइलाइट्स
- राजा राव रतन का महल 16वीं शताब्दी का है.
- महल में बिना एसी या कूलर के सालभर ठंडक रहती है.
- बरसात के दिनों में महल में पर्यटकों की भीड़ रहती है.
इतिहासकार ने दी जानकारी
लोकल 18 की टीम ने जब इतिहासकार कमरुद्दीन फलक से बात की तो उन्होंने बताया कि यह करीब 16 वीं शताब्दी में बना हुआ राजा राव रतन का महल है. इसका निर्माण राजा राव रतन ने करवाया था, राजा राव रतन बुरहानपुर के गवर्नर थे. वह यहीं से कई युद्ध लड़ते थे और उनको युद्ध लड़ने में सफलता भी मिलती थी. आज वह पर्यटक स्थल बन गया है. यहां पर दूर-दूर से पर्यटक इस महल को देखने के लिए आते हैं. इस महल की सबसे अधिक डिमांड बरसात के समय में रहती है. लोग यहां पर घूमने के लिए आते हैं और फोटो वीडियो खींचकर सोशल मीडिया पर भी डालते हैं. जिसके बाद और भी लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है.
इस महल की खासियत है कि नीचे दो कमरे हैं और बड़ा सा बरामदा है. ऊपर चढ़ने के लिए दोनों ओर से सीढ़ियां बनाई गई है और ऊपर भी दो कमरे हैं. और एक बरामदा है. यह महल ऐसा है कि यहां पर 12 महीने ठंड लगती है. यहां पर कोई भी बिजली उपकरण का उपयोग नहीं किया गया है. लेकिन उसके बावजूद भी यह महल ठंडा रहता है गर्मी में भी ठंडक रहती है और ठंड में भी ठंड रहती है. इसलिए यहां पर पर्यटक सबसे अधिक घूमने के लिए आते हैं. इस महल की जो कलाकृति है वह वास्तव में देखने लायक है. इसलिए लोगों को सबसे अधिक पसंद आती है.