Ground Report: ‘अब तो मजदूरी करनी पड़ेगी…’ छतरपुर में बारिश ने मचाई तबाही,फसलें फूरी तरह हुईं बर्बाद

Ground Report: ‘अब तो मजदूरी करनी पड़ेगी…’ छतरपुर में बारिश ने मचाई तबाही,फसलें फूरी तरह हुईं बर्बाद


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छतरपुर जिले में भारी बारिश से जहां नदियां उफान पर हैं वहीं किसान भाइयों के खेत भी नदी-तालाब बन गए हैं. जिले के ज्यादातर किसान भाइयों ने खरीफ सीजन की फसलों की बोवनी कर दी थी. लेकिन अब खेत में पानी भर जाने से उनक…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • रबी की बोवनी पर संकट
  • उड़द और मूंगफली जैसी फसलें पूरी तरह नष्ट
  • 2 दिन की बारिश से तबाही
Ground Report. छतरपुर जिले में जून महीने से बारिश जारी है. लेकिन, पिछले 2 दिनों की तेज बारिश से किसान भाइयों के खेतों में पानी भर गया है. ये खेत अब तालाब-नदी बन गए हैं. जिले के ज्यादातर किसान भाइयों ने खरीफ सीजन की फसलों की बोवनी कर दी थी. अब खेत भर जाने से उनके फसलें चौपट हो गई हैं. छतरपुर जिले के लगभग सभी क्षेत्रों के किसान भाइयों की फसलें बारिश से प्रभावित हुई हैं.

जिले के राजनगर अंतर्गत आने वाले घुंच्चू गांव के रहने वाले किसान रामप्रसाद शुक्ला बताते हैं कि मैंने 4 एकड़ से ज्यादा में तिल की बोवनी की थी. लेकिन भारी बारिश होने की वजह से पूरे खेत में तलाब जैसा पानी भर गया. अब यहां पर महीनों किसी भी फसल की बोवनी नहीं की जा सकती है. अब तो हम बर्बाद हो गए.‌ रबी सीजन की फसलों की बोवनी कैसे करेंगे, अब यही सोच रहे हैं.

सभी फसलें हुईं बर्बाद 
वहीं नौनै आदिवासी बताते हैं कि पिछले 48 घंटे में इतनी तेज बारिश हुई है कि खेतों में जो बीज अंकुरित हुआ था वह भी सड़ गया. हमें मौसम से ऐसी उम्मीद नहीं थी कि इस बार इतनी तेज बारिश होगी. छतरपुर जिले में ज्यादातर किसान तिल की फसल बोते हैं. साथ ही मूंग-उड़द और मूंगफली की फसलों की बोवनी भी करते हैं. लेकिन इस भारी बारिश से खेत ही नदी तालाब बन गए तो सभी किसान बर्बाद हो गए हैं.

पलायन करने को हुए मजबूर
गांव के ही युवा किसान बताते हैं कि हम जैसे गरीब किसान भाइयों ने इस उम्मीद से जुताई-बुवाई करवाई थी कि खरीफ फसल मिल जाएगी तो ठंड में रबी सीजन की बोवनी कर लेंगे लेकिन अब तो हालात इतने बद्तर हो गए हैं कि मजदूरी करनी पड़ रही है. अभी गांव में कर रहे हैं कुछ दिनों बाद शहर में जाकर मजदूरी करेंगे नहीं तो परिवार का खर्च कैसे चलेगा. हमें तो ये चिंता सताए जा रही है कि रबी सीजन की फसलों की बोवनी कैसे करेंगे? ये फसल तो गई, इसके बारे में तो सोचना ही छोड़ दिया है.

जिले के ज्यादातर किसानों ने नहीं कराया फसल बीमावहीं किसान परशु आदिवासी बताते हैं कि हम साहब इतने शिक्षित किसान नहीं हैं कि फसलों का बीमा कराके रखते. हमें इतनी समझ नहीं है. सरकार हम जैसे किसानों का भी ध्यान देगी या नहीं? हम जैसे किसान किसके भरोसे आगे की खेती करेंगे?

साथ ही गांव के किसान रामदेव शुक्ला, राम अवतार अहिरवार, राम दास आदिवासी,  हरियाणा अहिरवार , मोहन आदिवासी ,बारादीन अनुरागी, कमला आदिवासी , दाता प्रसाद साहू और छिकौड़ी साहू जैसे तमाम किसान अपनी पीड़ा बताते हैं.बता दें, कलेक्टर  पार्थ जैसवाल के निर्देशन में जिले में अतिवृष्टि से हुए नुकसान का सर्वे कार्य प्रारंभ हो गया है. सर्वे दल द्वारा फसलों के नुकसान का आंकलन किया जा रहा है.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें

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