डेंगू के मामलों की संख्या 51 और चिकुनगुनिया के मामलों की संख्या 52 रही है, मगर टेस्ट कम होने के बावजूद चिकनगुनिया की पॉजिटिविटी दर ज्यादा रही है. हालांकि डेंगू के मामलों में पिछले हफ्ते ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई थी. हाल ही में हुई साप्ताहिक स्वास्थ्य निगरानी से पता चलता है कि 12 से 19 जुलाई की अवधि के दौरान मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों खासतौर पर डेंगू और चिकनगुनिया में लगातार बढ़ोतरी हुई है.
लोकल 18 से बात करते हुए नर्मदा हॉस्पिटल के सीनियर ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ राजेश शर्मा ने बताया कि जब भी सीजनल वेरिएशन होते हैं, तो उस सीजन की अपनी बीमारी होती है. बरसात के मौसम में जगह-जगह पानी भर जाता है. वहीं पर डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का लारवा पनपने लगता है. ऐसे में हमें मिट्टी के तेल का इस्तेमाल कर उन जगहों पर उसका छिड़काव करना चाहिए. इससे यह फायदा होगा कि इस तरह की बीमारी पैदा करने वाले मच्छर वहां नहीं पनप सकेंगे.
उन्होंने कहा कि यदि कोई मरीज डेंगू का शिकार होता है, तो इसका सीधे तौर पर असर उसकी प्लेटलेट्स पर पड़ता है, जिससे रक्तस्राव विकार जैसी दिक्कतें पैदा होने लगती हैं. डेंगू का मच्छर छोटी-छोटी घास में तीन से चार फीट तक ही उड़ पाता है. ऐसे में यदि आप मॉर्निंग वॉक पर जाते हैं, तो इस बात का ध्यान जरूर रखें कि शरीर पूरी तरह से ढका हो. यदि शॉर्ट्स पहनकर वॉक के लिए जा रहे हैं, तो शरीर के निचले हिस्से में डेंगू के मच्छरों के काटने की संभावना बढ़ जाती है. साथ ही हम सोते समय घर में मच्छरदानी का प्रयोग भी कर सकते हैं.
मांसपेशियों पर सबसे ज्यादा असर
डॉ राजेश शर्मा ने कहा कि एक जागरूक नागरिक होने के नाते इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि यदि कहीं पर बरसाती पानी जमा है, तो उसे तुरंत हटा दें. साथ ही वहां पर मिट्टी के तेल का छिड़काव कर सकते हैं. यदि आप सफर में जा रहे हैं, तो ओडोमोस जैसी अलग-अलग तरह की क्रीमों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. चिकनगुनिया एक ऐसी बीमारी है, जिससे हम पिछले एक दशक से लड़ते हुए आ रहे हैं. यदि कोई मरीज चिकनगुनिया से ग्रसित है, तो उसकी मांसपेशियों पर इसका सबसे ज्यादा असर होगा. यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका समय पर इलाज न किया जाए, तो यह मरीज के लिए घातक साबित हो सकती है.
उन्होंने आगे कहा कि आमतौर पर यदि कहा जाए तो अन्य बीमारियों के लिए आहार बेहद जरूरी होता है लेकिन डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया होने पर इसका रोल ज्यादा अहम नहीं रह जाता है. ऐसे में हमें सिर्फ कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, जिसमें पौष्टिक आहार के साथ व्यायाम भी समय-समय पर करते रहना चाहिए. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना जरूरी है.
NEWS को फॉलो करना जरूरी
डॉ राजेश शर्मा ने बताया कि स्वस्थ जीवन के लिए NEWS को फॉलो करना बेहद जरूरी है. इसका सीधे तौर पर मतलब खबरों से नहीं बल्कि इसके शब्दों से है. इसमें N का मतलब न्यूट्रीशन से होता है, जिसमें हमें इस बात का ख्याल रखना बेहद जरूरी है कि हरी सब्जियों और फल का सेवन निश्चित तौर पर करें. वही E का मतलब एक्सरसाइज से है, जिसमें रोजाना हमें कम से कम 40 मिनट अपने शरीर के लिए देने ही चाहिए. W का मतलब वरी से है, जिसमें हमें चिंता नहीं बल्कि चिंतन करने की जरूरत है. वहीं S का मतलब स्लीप से है. नींद हमारे जीवन का एक बेहद अहम हिस्सा है. यदि हम पर्याप्त मात्रा में अपनी नींद ले रहे हैं, तो बीमारियां भी हमसे दूरी बनाए रखेंगी.