राजा-महाराजा खाते थे…जंग से पहले सैनिकों को भी खिलाते थे ये शाही ‘मिठाई’

राजा-महाराजा खाते थे…जंग से पहले सैनिकों को भी खिलाते थे ये शाही ‘मिठाई’


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Burhanpur News: बुरहानपुर की शाही मिठाई दराबा स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है. इसे बनाने में केवल देसी घी, रवा और शक्कर का इस्तेमाल होता है. इसका दाम 500 रुपये किलो है.

बुरहानपुर. मध्य प्रदेश खानपान के लिए भी खूब जाना जाता है. प्रदेश के बुरहानपुर में एक ऐसी शाही मिठाई बनाई जाती है, जो तीन महीने तक खराब नहीं होती है. दुकान संचालक शम्मी देवड़ा का दावा है कि यह मिठाई केवल बुरहानपुर में ही बनाई जाती है. इसे बनाने के लिए सिर्फ देसी घी, शक्कर और रवा का इस्तेमाल होता है. इस मिठाई को बनाने में दो दिन का समय लगता है. वहीं इसे बनाने में काफी मेहनत लगती है क्योंकि इसे हाथों से रगड़कर बनाया जाता है. इतिहासकार और वैद्य सुभाष माने बताते हैं कि इस मिठाई को राजा-महाराजा भी खाना पसंद करते थे. वहीं वे अपने सैनिकों को भी जंग लड़ने से पहले यही मिठाई खिलाते थे.

हम बात कर रहे हैं बुरहानपुर की शाही मिठाई दराबा की. यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी मानी जाती है. यह बहुत टेस्टी और हेल्दी होती है. इसकी कीमत 500 रुपये किलो है. तीन महीने तक खराब नहीं होने के कारण विदेशी पर्यटक भी इस मिठाई को अपने साथ लेकर जाते हैं.

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शाही मिठाई है दराबा
दुकान संचालक शम्मी देवड़ा ने लोकल 18 से कहा कि यह एक ऐसी शाही मिठाई है, जो करीब तीन महीने तक खराब नहीं होती है. दराबा मिठाई को बनाने में दो दिन लगते हैं. देसी घी, शक्कर और रवा का इस्तेमाल कर इसे बनाया जाता है. इसको बनाने में काफी मेहनत लगती है. यह मिठाई काफी हेल्दी और टेस्टी होती है, इसलिए लोग इसे खूब पसंद करते हैं.

विदेशों तक जाती है दराबा मिठाई
उन्होंने आगे कहा कि बुरहानपुर के जो लोग विदेशों में जॉब करते हैं या वहां पर रहने के लिए चले गए हैं, तो वे जब भी अपने रिश्तेदार या परिवार से मिलने के लिए बुरहानपुर आते हैं, तो यहां से दराबा मिठाई अपने साथ लेकर जाते हैं क्योंकि यह मिठाई तीन महीने तक खराब नहीं होती है. वहां पर पहुंचकर भी उसका वही स्वाद रहता है, इसलिए दराबा NRI लोगों की भी पहली पसंद बन गई है. बुरहानपुर घूमने आने वाले पर्यटक भी दराबा मिठाई खाना पसंद करते हैं.

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राजा-महाराजा खाते थे…जंग से पहले सैनिकों को भी खिलाते थे ये शाही ‘मिठाई’



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