छापेमारी मंगलवार सुबह शुरू हुई और देर रात तक चली. यह कार्रवाई लंबे समय से मिल रही भ्रष्टाचार, बेनामी संपत्ति और आय से अधिक संपत्ति की शिकायतों के आधार पर की गई. सूत्रों ने कहा कि लंबी शिकायतों के बाद यह कार्रवाई हो सकी है, EOW को सबूत मिले और जब यह भरोसा हुआ कि अफसर के पास अकूत संपत्तियां हैं जो काली कमाई से अर्जित हो सकती है. इसके बाद यह एक्शन लिया गया है. EOW की कार्रवाई से ट्राइबल विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. अन्य अफसर और कर्मचारी इस कार्रवाई को लेकर तमाम बातें कर रहे हैं.
EOW की रिपोर्ट के मुताबिक जबलपुर के आधारताल क्षेत्र में 3,300 वर्गफुट में फैला एक आलीशान मकान मिला है, जिसकी कीमत करीब ₹1.25 करोड़ आंकी गई है. भोपाल के पॉश इलाके बाग मुगलिया में दो मकान और एक फ्लैट भी सर्वटे के नाम पर हैं. इसके अलावा होशंगाबाद रोड पर एक और फ्लैट और सर्वटे की माता के नाम पर ₹10 लाख मूल्य की अचल संपत्ति मिली है. एक प्लॉट उनके भाई के नाम पर भी दर्ज पाया गया है, जिसकी जांच की जा रही है कि वह किस स्रोत से खरीदा गया. सभी संपत्तियों के दस्तावेज EOW ने जब्त कर लिए हैं.
नकद, गहने और शराब भी जब्त
सिर्फ अचल संपत्ति ही नहीं, टीम को छापे के दौरान भारी मात्रा में नकदी और कीमती सामान भी मिला. ₹10 लाख नकद, ₹16 लाख मूल्य के सोने-चांदी के जेवर, और 56 महंगी शराब की बोतलें (जिनकी कीमत ₹1 लाख से अधिक बताई गई) जब्त की गई हैं. इसके अलावा बीमा कंपनियों में भारी निवेश और बैंक लॉकरों की जानकारी भी सामने आई है, जिनकी जांच जारी है.
EOW अधिकारियों ने बताया कि छापे के दौरान सर्वटे की संपत्तियों से जुड़े सभी दस्तावेज, बैंक लेन-देन, बीमा निवेश और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड जब्त कर लिए गए हैं. टीम यह मिलान कर रही है कि इतनी संपत्ति और नकदी उनके घोषित आय स्रोतों से मेल खाती है या नहीं. प्रारंभिक तौर पर यह साफ हो चुका है कि डिप्टी कमिश्नर की आय और उनकी संपत्ति में बड़ा अंतर है. आने वाले दिनों में सभी बैंक खातों, निवेशों और संपत्तियों के मूल स्रोत की फोरेंसिक जांच की जाएगी.
पारदर्शिता की ओर कदम
EOW का कहना है कि यह छापेमारी किसी एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विभागों में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की कोशिश का हिस्सा है. भ्रष्टाचार और बेहिसाब संपत्ति पर लगाम कसने के लिए EOW अब कई ऐसे अधिकारियों की सूची बना चुकी है जिन पर आगे जांच की जा सकती है.