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फारुख इंजीनियर भारत के ऐसे पहले क्रिकेटर बन गए हैं, जिनके नाम पर इंग्लैंड के किसी ग्राउंड का स्टैंड है. यह ग्राउंड मैनचेस्टर का ओल्ड ट्रैफर्ड है. भारत-इंग्लैंड चौथे टेस्ट मैच से पहले फारुख इंजीनियर स्टैंड का अन…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- इंग्लैंड ने किया भारत के फारुख इंजीनियर का सम्मान.
- ओल्ड ट्रैफर्ड ग्राउंड का एक स्टैंड हुआ फारुख के नाम.
- भारत के पहले क्रिकेटर, जिसे इंग्लैंड में मिला यह सम्मान.
भारत के लिए 46 टेस्ट मैच खेलने वाले फारुख इंजीनियर ने कहा, ‘यह सिर्फ मेरे लिए ही नहीं बल्कि भारत के लिए भी गर्व का क्षण है. क्लाइव और मैं दोनों सुबह इस बारे में बात कर रहे थे. हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारे सम्मान में ऐसा कुछ किया जाएगा. ईश्वर महान है. अपने देश में पहचान नहीं मिलने की कमी पूरी हुई.’ लंकाशर क्रिकेट ने एक बयान में कहा, ‘लंकाशर क्रिकेट को यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि क्लब ने एमिरेट्स ओल्ड ट्रैफर्ड में एक स्टैंड का नाम क्लब के दिग्गजों और ‘हॉल ऑफ फेम’ में शामिल सर क्लाइव लॉयड और फारुख इंजीनियर के नाम पर रखा है.’
87 वर्षीय इंजीनियर ने अपना अधिकांश क्रिकेट मुंबई में विशेषकर ब्रेबोर्न स्टेडियम में खेला. उन्होंने कहा, ‘यह शर्म की बात है कि मेरी उपलब्धियों को वहां सम्मान नहीं मिला जहां मैंने अपना अधिकांश क्रिकेट खेला है.’ हालांकि इंजीनियर ने 2024 में उन्हें ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ अवॉर्ड प्रदान करने के लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड का आभार व्यक्त किया था. बता दें कि फारुख इंजीनियर लंकाशर के विकेटकीपर थे जिन्होंने 1968 से 1976 तक क्लब का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने क्लब के लिए 175 मैच खेले जिनमें 5,942 रन बनाने के साथ 429 कैच लिए और 35 स्टंपिंग की. इंजीनियर के बल्ले से शानदार प्रदर्शन और स्टंप के पीछे उनके अद्भुत कौशल ने लंकाशर में एक स्वर्णिम युग की शुरुआत की जो 1970 के दशक में एकदिवसीय मैचों का बादशाह था.
लॉयड ने लंकाशर के लिए 20 हजार रन बनाए
वेस्टइंडीज के साथ दो बार विश्व कप विजेता कप्तान रहे लॉयड ने 1968 और 1986 के बीच लंकाशर के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 219 मैच खेले. उन्होंने 12,764 रन बनाए और 55 विकेट लिए. इसी क्लब के लिए लिस्ट ए क्रिकेट में लॉयड ने 8,522 रन और 60 विकेट लिए. उन्होंने लंकाशर की एक दिवसीय सफलताओं में बड़ा योगदान देते हुए 1969 और 1970 में दो वनडे लीग खिताब जीते. उन्होंने 1970 और 1975 के बीच चार जिलेट कप जीते जिसमें 1972 के लॉर्ड्स में वॉरविकशर के खिलाफ 126 रन की यादगार पारी शामिल है.
जब क्लाइव लॉयड और फारुख इंजीनियर ने लंकाशर के लिए पदार्पण किया तब क्लब ने 1950 के बाद से कोई बड़ा खिताब नहीं जीता था, लेकिन आठ साल बाद 1970, 1971, 1972 और 1975 में चार बार जिलेट कप और 1969 और 1970 में दो बार जॉन प्लेयर लीग खिताब जीते. क्लाइव लॉयड और फारुख इंजीनियर दोनों ओल्ड ट्रैफर्ड के उपाध्यक्ष हैं और यह जोड़ी 2020 में आयोजित एक विशेष समारोह में क्लब के हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले पूर्व खिलाड़ियों के पहले ग्रुप में शामिल थी. (इनपुट भाषा)
दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय. अप्रैल 2020 से News18Hindi में बतौर एसोसिएट एडिटर स्पोर्ट्स की जिम्मेदारी. न्यूज18हिंदी से पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, अमर उजाला अखबारों में पेज-1, खेल, देश-विदेश, इलेक्शन ड…और पढ़ें
दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय. अप्रैल 2020 से News18Hindi में बतौर एसोसिएट एडिटर स्पोर्ट्स की जिम्मेदारी. न्यूज18हिंदी से पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, अमर उजाला अखबारों में पेज-1, खेल, देश-विदेश, इलेक्शन ड… और पढ़ें