फ्रीगंज क्षेत्र के जाल सेवा निकेतन सीएम राइज स्कूल भवन का निर्माण दोबारा से भूमि पूजन-शिलान्यास के लिए अटका है। पहली बार वर्ष 2022 में इसके निर्माण के लिए भूमि पूजन हो चुका है। इसका शिलान्यास पत्थर अब भी लगा हुआ है लेकिन तब से अब तक निर्माण शुरू नही
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सर्व सुविधायुक्त व अत्याधुनिक माहौल में बेहतर शिक्षा के उद्देश्य से जिले में विभिन्न स्थानों पर सीएम राइज स्कूल के निर्माण स्वीकृत हुए थे। इनमें से उज्जैन में जाल सेवा निकेतन, जीवाजीगंज, महाराजवाड़ा व अंचलों में बड़नगर, खाचरौद, झारड़ा, तराना और घट्टिया में ये स्कूल भवन बनना तय थे। इनमें कुछ भवन बनकर हैंडओवर हो चुके हैं और कुछ के निर्माण अंतिम चरणों में हैं। जबकि जिला मुख्यालय पर जाल सेवा निकेतन परिसर में बनने वाले स्कूल भवन का 2022 में भूमि पूजन के बावजूद अब तक निर्माण ही शुरू नहीं हो पाया है और अब पुन: भूमि पूजन की तैयारी की जा रही है।
यह है निर्माण शुरू नहीं होने की अब तक की स्थिति…
- वर्ष 2022 में 29 अक्टूबर को मंत्री-विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने बड़नगर व जाल सेवा निकेतन परिसर में बनने वाले स्कूल भवन के लिए भूमि पूजन किया था।
- मप्र पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम को निर्माण करवाना था। जाल सेवा निकेतन परिसर में तो एक ईंट भी नहीं लग पाई, जबकि बड़नगर में भवन बनकर हैंडओवर हो गया।
- हुआ यह कि जाल सेवा निकेतन परिसर में जिस जगह स्कूल भवन का निर्माण होना था, वहां खेल मैदान होने से विरोध होने लगा।
- आसपास के रहवासियों ने यह तर्क देते हुए विरोध जताया कि खिलाड़ी जहां प्रैक्टिस करते हैं, वहां निर्माण नहीं किया जाए।
- विरोध के बाद निर्माण शुरू नहीं हो पाया। राजनीतिक लोगों में भी इसे लेकर खींचतान हुई। तय हुआ कि स्कूल भवन का निर्माण के लिए नए स्थान का चयन होगा।
- इसके बाद तय हुआ कि इस स्कूल भवन का निर्माण जाल सेवा निकेतन स्कूल की पुरानी बिल्डिंग वाले स्थान पर किया जाए। जो कि मैदान के पास है।
- जिम्मेदारों के बीच फाइनल निर्णय होने पर स्कूल की पुरानी बिल्डिंग को डिस्मेंटल करने के बाद अब इस स्थान पर सीएम राइज स्कूल के भवन निर्माण के लिए जनप्रतिनिधियों से समय लिया जा रहा है। पहली बार भूमिपूजन 2022 में हुआ था। ( दूसरे चित्र में) अब यहां पर स्कूल को बनाना तय हुआ है।
निर्माण के लिए स्थल बदलने से दोबारा हो रहा भूमि पूजन
जाल सेवा निकेतन में सीएम राइज स्कूल के भवन निर्माण के लिए दोबारा से भूमि पूजन के लिए जनप्रतिनिधियों से समय लिया जा रहा है। निर्माण का स्थान बदल गया, इसलिए दोबारा से भूमि पूजन करवा रहे हैं। पहले और अब में थोड़ी लागत भी बढ़ गई हैं। वेदांत जादोन, तकनीकी अधिकारी, मप्र पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम