प्रेसवार्ता में जानकारी देते कलेक्टर।
कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए नई व्यवस्था लागू की है। इस व्यवस्था के तहत जिले के सभी राजस्व न्यायालय पूर्णकालिक न्यायिक कार्य करेंगे।
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जिले में 12 अधिकारी राजस्व न्यायालयों का कार्य देखेंगे। वहीं 4 अधिकारी प्रोटोकॉल, कानून व्यवस्था, अतिक्रमण और थाना कार्य संभालेंगे। कलेक्टर ने 21 जुलाई को इस संबंध में आदेश जारी किया है, जो गुरुवार को सामने आया है।
नई व्यवस्था के अनुसार न्यायालयीन कार्यों के लिए नियुक्त तहसीलदार, प्रभारी तहसीलदार और नायब तहसीलदार केवल न्यायिक कार्य करेंगे। इन्हें विशेष परिस्थितियों में ही गैर न्यायालयीन कार्यों में लगाया जाएगा।
केबिनेट के 3 जून के निर्णय के अनुसार जिले के सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख और सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख को कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की शक्तियां दी गई हैं।
शाम 6 बजे तक रहना होगा कोर्ट में
न्यायालयीन अधिकारियों को सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक न्यायालय में उपस्थित रहना होगा। उन्हें आरसीएमएस के माध्यम से ई-पंचिंग मॉड्यूल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। इस नई व्यवस्था से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को तहसील कार्यालय में भटकना नहीं पड़ेगा और राजस्व प्रकरणों का जल्द निपटारा होगा।