HC ने प्रदेश के पैरामेडिकल कॉलेजों का रिकार्ड तलब किया: कोर्ट बोला- ऐसी क्या देरी सत्र बीतने के बाद मान्यता दे रहे थे, दाखिलों पर रोक बरकरार – Jabalpur News

HC ने प्रदेश के पैरामेडिकल कॉलेजों का रिकार्ड तलब किया:  कोर्ट बोला- ऐसी क्या देरी सत्र बीतने के बाद मान्यता दे रहे थे, दाखिलों पर रोक बरकरार – Jabalpur News



मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में गुरुवार को एक बार फिर पैरामेडिकल कॉलेज मान्यता मामले पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान पैरामेडिकल काउंसिल की ओर से एक आवेदन दिया गया जिसमें बताया गया कि मान्यता में देर हुई है, पर किसी तरह की गड़बड़ी नहीं।

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इस आवेदन के बाद भी हाईकोर्ट ने पैरामेडिकल काउंसिल के आवेदन को ठुकरा दिया, इसके साथ ही कॉलेजों में दाखिलों और मान्यता की रोक को बरकरार रखा गया है। गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि आखिर ऐसी कैसी देर कि सत्र बीतने के बाद मान्यता दे रहे थे। मामले पर अब कल शुक्रवार को हाईकोर्ट ने फिर से सुनवाई रखी है।

मान्यता पर लगी रोक बरकरार

याचिकाकर्ता विशाल बघेल ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि मध्यप्रदेश में एक ही बिल्डिंग में पैरामेडिकल, नर्सिंग, फार्मेसी काॅलेज चल रहे है। याचिकाकर्ता की दलील पर जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिवीजन बैंच ने सुनवाई करते हुए प्रदेश भर के पैरामेडिकल काॅलेजों में दाखिलों और मान्यता पर लगी रोक को बरकरार रखा है। इसके साथ ही सभी पैरामेडिकल काॅलेजों का रिकार्ड भी तलब किया है। हाईकोर्ट ने कहा कि काॅलेजों के मान्यता आवेदन और निरीक्षण की रिपोर्ट को जल्द से जल्द पेश करे। कोर्ट ने मेडिकल काउंसिल को निर्देश दिए है कि एक ही बिल्डिंग में चल रहे पैरामेडिकल ,नर्सिंग, फार्मेसी,बीएड काॅलेजों की सूची दें।

मान्यता में देरी, लेकिन गड़बड़ी नहीं

गुरुवार को पैरामेडिकल काउंसिल ने सुनवाई के दौरान अपना जवाब पेश करते हुए बताया कि मान्यता में देर हुई है, लेकिन गड़बड़ी नहीं हुई। बहरहाल हाईकोर्ट ने मान्यता और दाखिलों को लेकर दिए गए आवेदन को ठुकराते हुए रिकार्ड तलब किया है। मामले पर अब शुक्रवार को फिर से सुनवाई होगी। 8 दिन पहले हुई सुनवाई पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता को लेकर यह कहते हुए रोक लगा दी थी, कि जो बिना नियमों के कैसे आखिर मान्यता दे रहे थे। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया है कि कॉलेजों को सत्र 2023 की मान्यता बैकडेट में दी जा रही थी। इसके अलावा, मेडिकल यूनिवर्सिटी में एनरोलमेंट के बिना ही छात्रों को दाखिले दिए जा रहे थे।

बिना जांच बांटी गई मान्यता

लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट में एक अतिरिक्त आवेदन पेश किया, जिसमें बताया गया कि नर्सिंग की तरह ही पैरामेडिकल कोर्स में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है। एमपी पैरामेडिकल काउंसिल ने 2023-24 और 2024-25 सत्र की मान्यता बिना किसी जांच या निरीक्षण के बांट दी। याचिका में यह भी आरोप लगाए गए है कि कई सरकारी और निजी पैरामेडिकल कॉलेज बिना यूनिवर्सिटी की संबद्धता के अवैध रूप से छात्रों को एडमिशन दे रहे हैं। जिन कॉलेजों को नर्सिंग घोटाले की जांच में सीबीआई ने “अनसूटेबल” बताया था, उन्हीं इमारतों में अब पैरामेडिकल कॉलेज चलाए जा रहे हैं और उन्हें मान्यता दी जा रही है।



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