SEIAA विवाद में हड़कंप! भ्रष्टाचार के आरोपों पर CM मोहन यादव ने दिखाया सख्त रुख, दो IAS अफसरों की छुट्टी

SEIAA विवाद में हड़कंप! भ्रष्टाचार के आरोपों पर CM मोहन यादव ने दिखाया सख्त रुख, दो IAS अफसरों की छुट्टी


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MP Breaking News: SEIAA विवाद पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कड़ा कदम उठाते हुए दो वरिष्ठ IAS अधिकारियों को हटा दिया है. चेयरमैन शिवनारायण चौहान द्वारा पर्यावरण मंजूरी में भ्रष्टाचार और नियमों के उल्लंघन के गंभीर …और पढ़ें

सीएम मोहन यादव (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

  • मध्यप्रदेश में SEIAA विवाद ने तूल पकड़ा
  • भ्रष्टाचार और नियमों के उल्लंघन के गंभीर आरोप
  • बिना मंजूरी 450 प्रकरणों को दी हरी झंडी
भोपाल. राज्य में पर्यावरण स्वीकृति को लेकर लंबे समय से चल रहे SEIAA (State Environment Impact Assessment Authority) विवाद पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ा प्रशासनिक फैसला लिया है. मुख्यमंत्री ने विवाद में घिरे दो वरिष्ठ IAS अधिकारियों – डॉ. नवनीत मोहन कोठारी और उमा माहेश्वरी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है.

दो वरिष्ठ IAS अधिकारियों को हटाया
डॉ. नवनीत मोहन कोठारी को अब राज्यपाल का प्रमुख सचिव नियुक्त किया गया है, जबकि उमा माहेश्वरी को अन्यत्र स्थानांतरित किया गया है. यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब पिछले ढाई महीने से SEIAA के चेयरमैन शिवनारायण सिंह चौहान और उक्त अधिकारियों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई थी.

बता दें कि शिवनारायण सिंह चौहान, जो कि एक सेवानिवृत्त IAS अधिकारी हैं, वर्तमान में SEIAA के चेयरमैन के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने खुले तौर पर पर्यावरण मंजूरी की प्रक्रिया में भारी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. साथ ही, उन्होंने दावा किया कि पर्यावरण से संबंधित करीब 450 प्रकरणों में बिना संस्था की विधिवत सहमति के “डिम्ड मंजूरी” दे दी गई, जो नियमों के विरुद्ध है.

श्री चौहान ने अपनी शिकायत में बताया कि कई मामलों में खनिज, उद्योग, रियल एस्टेट और अन्य बड़े निर्माण कार्यों को पर्यावरणीय स्वीकृति प्रदान की गई, जबकि वे SEIAA की बैठक में प्रस्तुत तक नहीं हुए थे. इस प्रक्रिया को bypass करके दिए गए अनुमोदनों ने पर्यावरणीय संतुलन और प्रशासनिक पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए.

इस विवाद की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की समीक्षा कर तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया. सरकार के इस कदम को न केवल भ्रष्टाचार के विरुद्ध कठोर संदेश के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि पर्यावरणीय मंजूरी जैसे संवेदनशील विषयों पर अब उच्चस्तरीय पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी. सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में पूरे SEIAA सिस्टम की कार्यप्रणाली की पुनर्समीक्षा की जा सकती है, और इसमें व्यापक सुधारों की संभावना है.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें

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SEIAA विवाद में हड़कंप! भ्रष्टाचार के आरोपों पर CM मोहन यादव का बड़ा एक्शन



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