आज बच्चे बंद कर रहे हैं, कल सवारी फिर ई-रिक्शा…कलेक्टर के आदेश की यहां उड़ी धज्जियां, देखें पूरी ग्राउंड रिपोर्ट

आज बच्चे बंद कर रहे हैं, कल सवारी फिर ई-रिक्शा…कलेक्टर के आदेश की यहां उड़ी धज्जियां, देखें पूरी ग्राउंड रिपोर्ट


Last Updated:

Jabalpur Ground Report: जबलपुर के कलेक्टर ने स्कूली बच्चों को ई-रिक्शा से ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसे में वहां के लोगों का क्या कहना है आइए जानते हैं.

जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने स्कूली बच्चों को ई-रिक्शा से लाने ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागूकर दिया गया है. आदेश दो दिन पहले निकाला गया था. जहां हवाला दिया गया था ई-रिक्शा में बच्चे सुरक्षित नहीं हैं. ऐसे में स्कूली बच्चों सहित पेरेंट्स अब किस तरीके से बच्चों के आने जाने की व्यवस्था कर रहे हैं इसे जानने के लिए लोकल 18 की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची और कलेक्टर के आदेश का पालन कितना हो रहा है, इसकी रियलिटी चेक भी की…. जहां हम जबलपुर स्टेशन के नजदीक निजी स्कूल पर पहुंचे. स्कूल के छूटने का वक्त हो रहा था, कई पेरेंट्स अपने बच्चों का इंतजार कर रहे थे, सड़कों में वैन और बस के साथ कुछ ई-रिक्शा भी थे. जबलपुर कलेक्टर के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही थी.

ऑटो चालक का भी छलका दर्द, बोले; हम कहां जाए
ऑटो चालक का कहना था वैसे ही बेरोजगारी है, ऐसे में चंद पैसे जमा कर किस्तों में ई-रिक्शा लिया था. उसी से घर का भरण पोषण होता था. अब प्रतिबंध लगने के बाद हम कहां जाएंगे. हमारे बारे में भी सोचा जाना चाहिए. ई-रिक्शा में फॉल्ट था फिर बताया क्यों नहीं गया और आज बच्चे बंद कर रहे हैं, कल सवारी फिर ई-रिक्शा…उसके बाद कहेंगे जाओ. गौरतलब हैं जबलपुर शहर में करीब 15 हजार ई रिक्शा का संचालन हो रहा है, इतना ही नहीं कुछ ई-रिक्शा ऐसे भी हैं, जिनके माता-पिता अपने बच्चों को अपने घर के ही ई रिक्शा में स्कूल छोड़ने आते हैं.

पेरेंट्स बोले; सस्ता विकल्प था…. बस और वैन में ज्यादा पैसे लगते हैं
कुछ अविभावकों का कहना था ई-रिक्शा सस्ता विकल्प था, जहां बस और वैन के मुकाबले कम पैसे भी लगते थे. जहां दोनों के रेट में जमीन आसमान का अंतर हैं. बच्चे बैठने में भी कंफर्ट महसूस करते थे. एकाएक फैसले के बाद हमारे पास भी कोई विकल्प नहीं बचा है. जबकि कुछ पेरेंट्स का कहना था कलेक्टर का फैसला अच्छा हैं. लिहाजा ऐसा भी देखने मिला, जहां कुछ पेरेंट्स प्रतिबंध के बाद अपने बच्चों को खुद ही पैदल छोड़ने भी आए.

आदेश न मानने पर होगी कार्यवाही 
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि स्पष्ट हिदायत दी गई है, स्कूली बच्चों का ई-रिक्शा में परिवहन ना किया जाए. यदि ऐसा करते हुए कोई पाया जाएगा, तब धारा 223 और अन्य प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी. आपको बता दें हाईकोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन करने स्कूलों और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं. जिसके बाद जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने आदेश जारी किया था. जिसमें कहा गया था ई-रिक्शा में बच्चे सुरक्षित नहीं होते.

homemadhya-pradesh

आज बच्चे बंद कर रहे हैं, कल सवारी फिर…कलेक्टर के आदेश की यहां उड़ी धज्जियां



Source link