दुनिया की सबसे दुर्लभ बच्ची इंदौर में जन्मी: दो सिर, दो दिल, 5 दिन बाद पता चला कि…

दुनिया की सबसे दुर्लभ बच्ची इंदौर में जन्मी: दो सिर, दो दिल, 5 दिन बाद पता चला कि…


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इंदौर के MTH अस्पताल में एक दुर्लभ जन्म मामला सामने आया है, जहां एक बच्ची दो सिर और दो दिल के साथ पैदा हुई और 5 दिन बाद पता चला कि इसका ना तो इलाज है और ना ही कोई दूसरा रास्‍ता. उसके दोनों दिलों में से एक अविकस…और पढ़ें

इंदौर में नवजात वेंटीलेटर पर जंग लड़ रही है.

हाइलाइट्स

  • इंदौर में दो सिर और दो दिल वाली नवजात का जन्‍म.
  • विशेषज्ञ डॉक्‍टर्स की टीम लगातार कर रही निगरानी.
  • ना इलाज और ना ही कोई रास्‍ता, चुनौतियों से जंग जारी.
इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक अत्यंत दुर्लभ चिकित्सा घटना सामने आई है, जहां महाराजा तुकोजीराव होलकर अस्पताल (MTH) में एक बच्ची का जन्म हुआ है, जिसके दो सिर और दो दिल हैं. जन्‍म के 5 दिन बाद डॉक्‍टर्स ने बताया कि बच्‍ची जिंदगी की जंग लड़ रही है, वह वेंटिलेटर पर है और दोनों दिलों में से एक अविकसित और दूसरा भी दोषपूर्ण है, जिससे शरीर में रक्त संचार बनाए रखना बेहद मुश्किल हो रहा है. उसके जीवित रहने की संभावना बहुत कम है. इस प्रकार की जटिल जन्म स्थिति को मेडिकल भाषा में ‘डाइसेफालिक पैरापैगस’ (dicephalic parapagus) कहा जाता है. यह एक प्रकार का जुड़वां जन्म है जहां दो सिर और धड़ का ऊपरी हिस्सा एक ही शरीर से जुड़े होते हैं.

सूत्रों ने बताया कि बच्ची का वजन लगभग 2.8 किलोग्राम था और उसका जन्म 22 जुलाई की रात को सी-सेक्शन ऑपरेशन के जरिए हुआ, क्योंकि सामान्य प्रसव संभव नहीं था. जन्म के तुरंत बाद, बच्ची को नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में भर्ती कर वेंटिलेटर पर रखा गया, क्योंकि उसकी श्वसन प्रक्रिया में गंभीर दिक्कतें थीं. चिकित्सकों की टीम ने बताया कि बच्ची के दो दिल हैं, लेकिन उनमें से एक पूरी तरह से अविकसित (rudimentary) है और दूसरा भी सामान्य रूप से कार्य नहीं कर रहा है. दूसरे दिल की संरचना में भी दोष हैं, जिससे पूरे शरीर में रक्त संचार बनाए रखना बेहद मुश्किल हो रहा है. इसके दिल के वाल्व खुले हुए हैं और बड़े छेद मौजूद हैं, जो उसकी गंभीर स्थिति का मुख्य कारण हैं.

दोनों सिर गर्दन से जुड़े, जिससे ऑपरेशन बहुत जोखिम भरा और लगभग असंभव
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डॉ. निलेश जैन और अन्य शिशु रोग विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि बच्ची की मौजूदा जटिल संरचना को देखते हुए किसी भी प्रकार की शल्य चिकित्सा (सर्जरी) फिलहाल संभव नहीं है. आमतौर पर जब सिर अलग नहीं होते और अंग साझा होते हैं, तब कुछ चुनिंदा मामलों में ही सफल सर्जरी हो पाती है. लेकिन इस मामले में दोनों सिर गर्दन से जुड़े हैं, जिससे ऑपरेशन बहुत जोखिम भरा और लगभग असंभव माना जा रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि अगर ऑपरेशन किया भी जाता है, तो भी बच्ची के जीवित रहने की संभावना न के बराबर है.

अगले कुछ दिन उसकी ज़िंदगी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण
वर्तमान में, बच्ची को वेंटिलेटर सपोर्ट, मदर-फीडिंग और NICU की निगरानी में रखा गया है. डॉक्टरों की टीम लगातार उसके ऑक्सीजन स्तर, हृदय गति और पोषण की निगरानी कर रही है. यह समाचार बच्ची के माता-पिता के लिए एक गहरा सदमा है, और अस्पताल प्रशासन उन्हें भावनात्मक और मानसिक सहायता भी प्रदान कर रहा चिकित्सा विशेषज्ञ इस घटना को अध्ययन और अनुसंधान की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मान रहे हैं, क्योंकि ऐसे दुर्लभ मामले साल में केवल एक या दो बार ही देखने को मिलते हैं. इस जटिल जन्म ने चिकित्सा समुदाय को भ्रूण विकास, पूर्व-चिकित्सा निदान, नैतिक चिकित्सा निर्णय और शल्य प्रक्रियाओं पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है. हालांकि बच्ची की स्थिति अभी स्थिर बनी हुई है, लेकिन विकासात्मक जटिलताओं और गंभीर कार्डियक दोषों के कारण डॉक्टरों का कहना है कि अगले कुछ दिन उसकी ज़िंदगी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होंगे.

Sumit verma

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें

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