ना बिजली, ना मोटर… फिर भी 400 साल से बह रहा पानी! बुरहानपुर की जल प्रणाली है जादू या इंजीनियरिंग?

ना बिजली, ना मोटर… फिर भी 400 साल से बह रहा पानी! बुरहानपुर की जल प्रणाली है जादू या इंजीनियरिंग?


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Burhanpur Ajab Gajab Water System: बुरहानपुर में 1615 में बनी कुंडी भंडारा जल प्रणाली आज भी पूरी तरह सक्रिय है. यह 80 फीट नीचे से बिना बिजली के पानी को सप्लाई करती है और क्षेत्र के 10,000 से ज्यादा लोग आज भी इस…और पढ़ें

मोहन ढाकले, बुरहानपुर. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में मौजूद है एक ऐसी ऐतिहासिक जल प्रणाली, जो न सिर्फ तकनीकी चमत्कार है, बल्कि पानी की स्थायी व्यवस्था का जीवित उदाहरण भी है. 1615 में अब्दुल रहीम खान-ए-खाना द्वारा बनाई गई यह ‘कुंडी भंडारा’ प्रणाली आज भी 10 हजार से ज्यादा लोगों की प्यास बुझा रही है.

बिना बिजली, 80 फीट नीचे से आता है पानी
यह जल प्रणाली लालबाग के चिंचाला क्षेत्र में स्थित है और यह 80 फीट नीचे जमीन के भीतर बनी सुरंगनुमा संरचना के माध्यम से पानी का प्रवाह करती है. दिलचस्प बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया में कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण इस्तेमाल नहीं होता. यहां के पानी को मिनरल वॉटर से भी ज्यादा शुद्ध बताया गया है इतना पारदर्शी कि कांच जैसा साफ नजर आता है.

108 कुंडलियों से होती है सप्लाई
जल प्रणाली के भीतर तीन से चार फीट तक पानी भरा रहता है, जो 108 कुंडलियों के माध्यम से आसपास के घरों तक पहुंचता है. क्षेत्र के लोगों का मानना है कि इसका स्वाद और गुणवत्ता आज भी वैसी ही बनी हुई है जैसी सैकड़ों साल पहले रही होगी.

इराक-ईरान में बंद हो चुकी, यहां अब भी जीवित
इतिहासकार डॉ. सुभाष माने के अनुसार, ऐसी जल प्रणालियां पहले ईराक और ईरान में पाई जाती थीं, लेकिन समय के साथ वे नष्ट हो गईं. बुरहानपुर की यह प्रणाली विश्व की इकलौती सक्रिय ऐतिहासिक जल प्रणाली मानी जाती है. डॉ. माने बताते हैं कि “कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने यहां सर्वे किया और पुष्टि की कि यह जल शुद्धता में उच्च स्तर पर है.”

देश-विदेश से आते हैं पर्यटक
स्थानीय निवासी अमर यादव बताते हैं कि यह स्थान अब एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बन चुका है. पर्यटक यहां लिफ्ट से नीचे उतरते हैं और इस रहस्यमयी तकनीक को अपनी आंखों से देखते हैं. प्रकृति, विज्ञान और इतिहास का ऐसा संगम कहीं और देखना दुर्लभ है.

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