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Sagar News: अजय ने लोकल 18 को बताया कि ट्रेनिंग के बाद वह भोपाल आ गए थे. यहां उन्हें 60 हजार रुपये महीने की नौकरी मिल गई. फिर सागर में एक होटल की शुरुआत हुई, तो उन्हें सागर बुला लिया गया. यहां का माहौल उन्हें ब…और पढ़ें
उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग के बाद वह भोपाल आ गए, जहां उन्हें 60 हजार रुपये महीने की नौकरी मिल गई. फिर सागर में होटल की शुरुआत हुई. उन्हें सागर बुला लिया गया. उन्हें यहां का माहौल बहुत पसंद आया. जिसके बाद उन्होंने अपनी बहन रीना देवी से इसको लेकर बात की. रीना सागर आईं और दोनों ने यहां पर बेकरी प्लांट डालने की योजना बनाई लेकिन उनके सामने पैसों की दिक्कत थी. जब उन्हें प्रधानमंत्री खाद्य प्रसंस्करण योजना (PMFME) के बारे में पता चला, तो उन्होंने 9 लाख रुपये का लोन ले लिया, जिसपर 35 फीसदी सब्सिडी के रूप में तीन लाख से ज्यादा का अनुदान भी मिल गया.
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के पास खोली बेकरी
अजय चौहान ने आगे बताया कि उन्होंने सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के पास अपनी बेकरी शुरू की. यहां वह केक की कई वैरायटी तैयार करते हैं और उन्हें धड़ाधड़ ऑर्डर भी मिलते हैं. इस वजह से उनका व्यापार चल पड़ा. वह यहां पर शेफ और मैनेजर दोनों की भूमिका निभा रहे हैं. खर्च के बाद जो प्रॉफिट होता है, उसमें उनका और उनकी बहन का दोनों का शेयर बराबर हो जाता है. उन्होंने कहा कि अगर अन्य लोग भी इस तरह का कोई स्टार्टअप या बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो वे बस इस बात का ध्यान रखें कि जिस भी चीज की शुरुआत करने जा रहे हैं, उसकी उन्हें अच्छे से नॉलेज होनी चाहिए. अगर ऐसा है तो आप जो भी काम शुरू करेंगे, तो उसमें कभी नुकसान नहीं होगा.