सर्वे हो रहा, लेकिन छिड़काव को लेकर उलझन
स्वास्थ्य विभाग द्वारा केवल लार्वा सर्वे कराया जा रहा है, लेकिन नागरिकों को यह स्पष्ट नहीं है कि दवा का छिड़काव कहां और कैसे कराया जाए. सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा का कहना है कि मलेरिया टीम के काम की समीक्षा की जाएगी और नगर निगम के साथ मिलकर विशेष अभियान चलाया जाएगा.
अब तक लगभग 2 लाख घरों में सर्वे किया जा चुका है, जिनमें से 6,000 से ज्यादा घरों में लार्वा पाया गया. इस समय शहर में 44 से ज्यादा टीमें लार्वा नष्ट करने के काम में जुटी हैं और स्थिति के अनुसार इनकी संख्या और बढ़ाई जा सकती है.
बरसात के बाद तेजी से पनपता है लार्वा
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बारिश के बाद एक जगह पानी जमा होने से मच्छर तेजी से पनपते हैं. नागरिकों से अपील की जा रही है कि घर के आसपास पानी जमा न होने दें और लार्वा खोजने आई टीमों के साथ सहयोग करें.
डॉ. राजेश शर्मा (नर्मदा हॉस्पिटल) के अनुसार बरसात में पानी भरने से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का खतरा सबसे ज्यादा होता है. इसके लिए:
पानी भरने वाली जगहों पर मिट्टी का तेल छिड़कें
घर में मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
प्लेटलेट्स पर भी पड़ता है असर
डेंगू और चिकनगुनिया दोनों बीमारियों में मरीज के प्लेटलेट काउंट पर असर पड़ता है, जिससे ब्लीडिंग और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए समय पर जांच कराना और सही इलाज लेना बेहद जरूरी है.