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Lal Kele ki Kheti: बुरहानपुर के एक्सपर्ट से जानें कि लाल केला या हरा केला, किसकी खेती आपके लिए ज्यादा फायदेमंद है. खर्च, मुनाफा और जलवायु के अनुसार जानें कौन-सी फसल सही है.
देवके बताते हैं कि बुरहानपुर में लगभग 25,000 हेक्टेयर में हरे केले की खेती होती है. इसका मतलब है कि ये किसानों की पहली पसंद है, क्योंकि इसकी खेती में खर्च कम आता है. हरे केले के एक पौधे की लागत करीब ₹100 होती है और ये 12 से 14 महीने में तैयार हो जाता है. इसकी बाज़ार कीमत ₹20 से ₹60 प्रति दर्जन होती है.
जलवायु का असर भी है महत्वपूर्ण
एक्सपर्ट बताते हैं कि लाल केले को ठंड और तेज हवा से नुकसान होता है क्योंकि इसका तना हल्का होता है और हवा में गिर जाता है. वहीं, हरे केले को बरसात और तूफान नुकसान पहुंचाते हैं.
लाल केले का पौधा औसतन 15-18 फीट ऊंचा होता है, जबकि हरे केले का 10-12 फीट तक.
देवके कहते हैं कि “अगर किसान जोखिम समझकर लाल केले की खेती करें, तो वो सालभर में लाखों कमा सकते हैं. शुरुआत में लागत ज़रूर ज्यादा है, लेकिन दाम देखकर हर मेहनत सफल हो जाती है.”