Kele Ki Kheti: हरा या लाल केला…किसमें है करोड़ों का मुनाफा? हैरान कर देगी एक्सपर्ट की ये रिपोर्ट!

Kele Ki Kheti: हरा या लाल केला…किसमें है करोड़ों का मुनाफा? हैरान कर देगी एक्सपर्ट की ये रिपोर्ट!


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Lal Kele ki Kheti: बुरहानपुर के एक्सपर्ट से जानें कि लाल केला या हरा केला, किसकी खेती आपके लिए ज्यादा फायदेमंद है. खर्च, मुनाफा और जलवायु के अनुसार जानें कौन-सी फसल सही है.

मोहन ढाकले/बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में किसान तेजी से केले की खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं, लेकिन एक सवाल हर किसान के मन में ज़रूर आता है लाल केला उगाएं या हरा केला? दोनों की अपनी खूबियां हैं, लेकिन मुनाफा कहां ज्यादा है और जोखिम किसमें कम है, ये जानना बेहद ज़रूरी है. लोकल 18 की टीम ने इस सवाल का जवाब जानने के लिए बात की कृषि अधिकारी मनोहर सिंह देवके से.

देवके बताते हैं कि बुरहानपुर में लगभग 25,000 हेक्टेयर में हरे केले की खेती होती है. इसका मतलब है कि ये किसानों की पहली पसंद है, क्योंकि इसकी खेती में खर्च कम आता है. हरे केले के एक पौधे की लागत करीब ₹100 होती है और ये 12 से 14 महीने में तैयार हो जाता है. इसकी बाज़ार कीमत ₹20 से ₹60 प्रति दर्जन होती है.

लेकिन अगर आप ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो लाल केले की खेती आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकती है. इसकी खेती में खर्च थोड़ा ज्यादा आता है – एक पौधा ₹150 में पड़ता है और फसल 15 से 18 महीने में तैयार होती है. लेकिन इसके दाम सुनकर आप चौंक जाएंगे – लाल केला बाज़ार में ₹150 से ₹200 प्रति दर्जन बिकता है! यानी इन्वेस्टमेंट ज़्यादा है, लेकिन रिटर्न भी दमदार.

जलवायु का असर भी है महत्वपूर्ण
एक्सपर्ट बताते हैं कि लाल केले को ठंड और तेज हवा से नुकसान होता है क्योंकि इसका तना हल्का होता है और हवा में गिर जाता है. वहीं, हरे केले को बरसात और तूफान नुकसान पहुंचाते हैं.
लाल केले का पौधा औसतन 15-18 फीट ऊंचा होता है, जबकि हरे केले का 10-12 फीट तक.

देवके कहते हैं कि “अगर किसान जोखिम समझकर लाल केले की खेती करें, तो वो सालभर में लाखों कमा सकते हैं. शुरुआत में लागत ज़रूर ज्यादा है, लेकिन दाम देखकर हर मेहनत सफल हो जाती है.”

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हरा या लाल केला…किसमें है करोड़ों का फायदा? हैरान कर देगी ये रिपोर्ट



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