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Burhanpur News: बुरहानपुर में नगर निगम के बनाए सफाई कर्मचारियों के मकान जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं. एक साल में तीन बार छत गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं. कर्मचारियों का कहना है, कोई सुनवाई नहीं हो रही.
पिछले एक साल में तीन बार इन मकानों में छत गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें बच्चे और बुज़ुर्ग घायल हो चुके हैं. इसके बावजूद भी नगर निगम की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है.
दौलतपुरा क्षेत्र के सफाई कर्मचारी के बेटे रोहित सारवान ने बताया कि कुछ महीने पहले वे घर में सो रहे थे, तभी छत का छज्जा गिर गया और सिर पर गंभीर चोट आई. उन्होंने घटना की शिकायत नगर निगम आयुक्त से भी की, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई.
उनका कहना है कि हम यहां 25 से 30 साल से रह रहे हैं. मकान इतने कमजोर हो गए हैं कि कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है.
स्थानीय सफाई कर्मचारियों ने बताया कि पूरे शहर में करीब 100 से ज्यादा ऐसे मकान हैं जो रहने लायक नहीं बचे, लेकिन नगर निगम केवल दूसरे लोगों के अवैध निर्माण गिराने पर ध्यान दे रहा है, जबकि खुद के बनाए गए इन आवासों की हालत खस्ता हो चुकी है.
नगर निगम आयुक्त का बयान
लोकल 18 की टीम ने जब नगर निगम आयुक्त संदीप श्रीवास्तव से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि हमें यह समस्या बताई गई है. जल्दी ही टीम भेजकर निरीक्षण कराया जाएगा और समस्या का निराकरण किया जाएगा. हालांकि सफाई कर्मचारी और उनके परिवार इस बात से संतुष्ट नहीं हैं. उनका कहना है कि केवल आश्वासन नहीं, अब जमीनी कार्यवाही की ज़रूरत है.
एक और हादसे की आशंका
नए सत्र की शुरुआत हो चुकी है और मॉनसून का समय है. ऐसे में बारिश के दौरान ये मकान और अधिक खतरा बन सकते हैं. सफाई कर्मचारियों ने प्रशासन से मांग की है कि या तो इन मकानों की तुरंत मरम्मत करवाई जाए या वैकल्पिक व्यवस्था की जाए.