देवास के पंथमुंडला गांव में दलित समाज के लोगों ने शुक्रवार को प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्याओं का समाधान मांगा है। ग्रामीणों का आरोप है कि अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा शासकीय गोचर भूमि, श्मशान भूमि और सार्वजनिक बोरिंग व कुएं पर अवैध कब्जा किया जा र
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रविदास समाज के लोगों ने बताया कि उनके पूर्वजों के समय से लगभग 35 परिवार इस गांव में रह रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने नाले पर अवैध मकान बना रखे हैं। इसके अलावा उनके साथ गाली-गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। इससे दलित परिवार पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं और गांव में असुरक्षा का माहौल बन गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि अवैध कब्जे से परेशान होकर वे अपनी प्रॉपर्टी बेचकर कहीं और शिफ्ट हो रहे हैं।
बोले- शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें न तो आवास योजना का लाभ मिल रहा है और न ही अन्य शासकीय योजनाओं का। उनके लिए जो श्मशान घाट की भूमि थी, वह भी कब्जा कर ली गई है। साथ ही भेड़-बकरी चराने के लिए शासकीय गौचर भूमि पर भी कब्जा जमा लिया गया है।
दलित समाज ने अपनी मांगों में शासकीय भूमि से अवैध कब्जा हटाने, दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करने और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने की मांग की है। साथ ही पीड़ित दलित समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने, भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने और वंचित वर्ग के लिए चल रही सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की मांग की है। उन्होंने नल, पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया कराने की मांग की है।

आरोप लगाया कि उनके साथ गाली-गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं।
कलेक्टर बोले- निराकरण करने का प्रयास करेंगे मामले में अखिल भारतीय बलाई महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार ने बताया कि गांव में 35 परिवार के लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने से वह अब पलायन करने को मजबूर है उन्होंने अपने घर के बाहर पोस्टर भी लगा रखे हैं।
इधर कलेक्टर ऋतुराज सिंह ने कहा कि पथमुंडला पंचायत के 35 परिवारों द्वारा गोचर भूमि पर कब्जा करने को लेकर शिकायत की गई है। उसके लिए टीम मौके पर भेजी जाएगी अन्य मूलभूत समस्याओं को लेकर भी एक दल यहां से भेजकर निराकरण करने का प्रयास किया जाएगा।