नीमच के 9 गांवों में निकली कांवड़ यात्रा: किलेश्वर, भोगेश्वर और भूतेश्वर मंदिरों में लगी कतारें, सुरक्षा के कड़े इंतजाम – Neemuch News

नीमच के 9 गांवों में निकली कांवड़ यात्रा:  किलेश्वर, भोगेश्वर और भूतेश्वर मंदिरों में लगी कतारें, सुरक्षा के कड़े इंतजाम – Neemuch News


मंदिर में पूजन करते श्रद्धालु।

नीमच में सावन के आखिरी सोमवार को शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। 4 अगस्त को सुबह से ही शिवालयों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। भक्तों ने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की।

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शहर के प्रमुख मंदिर किलेश्वर महादेव, भोगेश्वर महादेव और भूतेश्वर महादेव में भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं। इन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और श्रृंगार किया गया था। किलेश्वर महादेव मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया गया था। यह भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।

भक्तों ने किया शिवलिंग का दूध से अभिषेक।

इन गांवों में निकाली कांवड़ यात्रा

जिले के कई गांवों से कावड़ यात्रा लेकर भक्त शिव मंदिरों तक पहुंचे। मनासा, कुकडेश्वर, रामपुरा, जावाद, सिंगोली, रातनगढ़, नयागांव, जीरन और अठाना सहित कई इलाकों से कांवड़ यात्रा निकाली गई। भक्तों ने दूध, दही, गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा और फूल चढ़ाकर भगवान शिव का अभिषेक किया।

भक्तों ने की भोलेनाथ की उपासना

कई भक्तों ने उपवास रखकर भगवान भोलेनाथ की आराधना की। पूरे दिन मंदिरों में “ओम नमः शिवाय” और “हर-हर महादेव” के जयकारों की गूंज सुनाई देती रही। इससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इसमें पड़ने वाले सोमवार का विशेष महत्व माना जाता है। सावन के अंतिम सोमवार को भक्तों में विशेष उत्साह देखने को मिला। दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु नीमच के मंदिरों में पहुंचे।

फूलों से सजाया शिव मंदिर।

फूलों से सजाया शिव मंदिर।

सुरक्षा के विशेष इंतजाम

मंदिर समितियों और प्रशासन की ओर से भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मी भी तैनात रहे। इससे भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हुई।

सावन माह शहर और जिले के लिए भक्ति और आस्था का प्रतीक बनकर उभरा है। हर सोमवार को भक्तों का उत्साह चरम पर रहा। अंतिम सोमवार पर यह उत्साह और बढ़ गया। यह लोगों की भगवान शिव में गहरी आस्था का प्रतीक है।



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