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Khandwa News: यह नागिन खंडवा के ही एक गांव में दिखी. जिसके बाद गांव वालों में हड़कंप मच गया. जैसे ही स्नेक कैचर मुबारिक खान को इसकी सूचना मिली, वह मौके पर पहुंच गए और करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद उन्होंने इस …और पढ़ें
इस प्रजाति के सांप बहुत ही कम संख्या में पाए जाते हैं. बताया जाता है कि ये नागिन बहुत कम दिखाई देती है. स्नेक कैचर मुबारिक खान के अनुसार, उन्हें यह सांप 20 साल बाद दिखाई दिया है. इसकी चाल धीमी होती है लेकिन हमला बेहद सटीक और खतरनाक. इसके काटने के बाद इंसान पानी भी नहीं मांग पाता. सीधे बेहोशी और फिर मौत हो जाती है. इस दुर्लभ सफेद नागिन को स्नेक कैचर मुबारिक खान ने बड़ी सावधानी से पकड़ा. यह नागिन खंडवा जिले के ही एक गांव में लोगों के घरों के पास देखी गई. जिसके बाद ग्रामीणों में हड़कंप मच गया. जैसे ही सूचना मिली, मुबारिक खान मौके पर पहुंचे और करीब 30 मिनट की मशक्कत के बाद उन्होंने इस नागिन को सुरक्षित पकड़ा.
हजारों सांप पकड़ चुके हैं मुबारिक खान
मुबारिक खान खंडवा जिले में लंबे समय से सांप पकड़ने का काम कर रहे हैं और अब तक हजारों सांपों को पकड़ चुके हैं लेकिन उन्होंने भी माना कि ऐसा सांप उन्होंने 20 साल पहले देखा था, जब वह छोटे थे. उनके अनुसार, यह भारत की सबसे दुर्लभ प्रजातियों में से एक है. उन्होंने बताया कि पदमां नाग/नागिन के जहर में न्यूरोटॉक्सिक होता है, जो सीधे शरीर की नसों पर असर करता है. वैज्ञानिकों की मानें तो इसके काटने से शरीर में तेज झटका लगता है और अगर समय से इलाज न मिले, तो 3 से 5 मिनट में मौत हो सकती है. यही वजह है कि इसे खामोश मौत देने वाला सांप भी कहा जाता है.
वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, यह सांप अल्बिनो कॉमन करैत की तरह भी हो सकता है, यानी सामान्य प्रजाति का लेकिन बिना रंग वाला (सफेद रूप). हालांकि, इसे पूरी तरह ‘पदमां नागिन’ या ‘अल्बिनो प्रजाति’ घोषित करने के लिए डीएनए जांच की जरूरत होगी.
ग्रामीणों में डर का माहौल
इस नागिन के मिलने के बाद से पूरे गांव में दहशत का माहौल है. खंडवा में मिली यह सफेद नागिन न सिर्फ दुर्लभ है बल्कि एक चेतावनी भी है कि प्रकृति में ऐसे जीव अब भी मौजूद हैं, जिनका ज्ञान इंसान को अधूरा है.