मध्यप्रदेश के शिक्षा विभाग में कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त शिल्पा गुप्ता के खिलाफ विभागीय कर्मचारियों और अधिकारी वर्ग का गुस्सा अब सड़कों पर उतर आया है। मंगलवार को राजधानी भोपाल में अलग-अलग कर्मचारी संगठनों न
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इस विरोध प्रदर्शन में भारतीय मजदूर संघ, मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ और लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ जैसे संगठन एकजुट होकर किसी एक अधिकारी के खिलाफ एक स्वर में बोले। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि आयुक्त का रवैया अपमानजनक, अड़ियल और असंवेदनशील है, जिससे विभागीय वातावरण में तनाव है और कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है।
आरोप- मानसिक रूप से किया जा रहा प्रताड़ित विरोध करने वाले संगठनों ने आयुक्त गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे अधीनस्थों के साथ अमर्यादित व्यवहार करती हैं, फर्जी आरोप लगाकर कर्मचारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करती हैं और विभागीय निर्णयों में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है। इसके अलावा विभागीय व्यवस्थाएं चरमराने लगी हैं, जिसका असर स्कूल शिक्षा पर पड़ रहा है।
विरोध में संजय अवस्थी, सुरेश नागर, सतीश सोमकुंवर, आनंद मिश्रा, अशोक बेन, अखिलेश ठाकुर और सियाराम नेगी समेत कर्मचारी नेता उपस्थित रहे। संजय अवस्थी ने कहा, यह केवल किसी अधिकारी के व्यवहार का मामला नहीं है, यह पूरे विभाग की गरिमा और शासन की साख का सवाल है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो राज्यव्यापी आंदोलन से इनकार नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग विरोध कर रहे संगठनों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से आग्रह किया है कि वे स्वयं इस मामले में हस्तक्षेप करें और लोक शिक्षण संचालनालय में योग्य, मर्यादित और अनुभवी प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति करें। कर्मचारियों का कहना है कि यदि जल्द बदलाव नहीं हुआ तो 3.5 लाख स्कूल शिक्षा कर्मचारियों का धैर्य टूट जाएगा, और इसका असर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर भी पड़ेगा।