चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर राहुल गांधी द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एमपी में 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
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कमलनाथ ने इसको लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर कहा है कि उनके द्वारा मतदाता सूची में की गई गड़बड़ को लेकर शिकायत किए जाने के बाद चुनाव आयोग के इन विसंगतियों को स्वीकार किया गया था और सूची से नाम हटाने या सुधार संबंधी कार्रवाई करने पर सहमति जताई थी।
एक्स पर कमलनाथ ने लिखा है कि राहुल गांधी के निष्कर्षों से मतदाता सूची के रखरखाव में गड़बड़ी का एक व्यवस्थित पैटर्न सामने आया है। इसके बाद उनके द्वारा वर्ष 2018 के चुनाव में मतदाता सूची भारी गड़बड़ी को लेकर उठाए गए मुद्दे और गंभीर हो गए हैं और हेरफेर का एक नया स्तर दिख रहा है।
नाथ ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में अपने इस आश्वासन के बावजूद कि चुनाव आयोग इन विसंगतियों को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा, चुनाव आयोग अपने हलफनामे से पीछे हटता जा रहा है और मतदाता सूची में जानबूझकर हेराफेरी किए जाने से इनकार कर रहा है
नाथ ने लिखा है कि शिकायत के बाद आयोग ने 9664 इंट्रा-एसी रिपीट प्रविष्टियां, 8278 इंटर-एसी रिपीट प्रविष्टियां और 2,37,234 संदिग्ध तस्वीरें होने की बात भी स्वीकार की थी और 24 लाख संदिग्ध मतदाताओं को हटाने का दावा किया था। हालांकि चुनाव आयोग ने गोपनीयता संबंधी चिंताओं के कारण मतदाता सूचियों की मशीन-रीडेबल पीडीएफ़ उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया।
इन मुद्दों में गड़बड़ी की थी उजागर
- जन सांख्यिकीय रूप से समान प्रविष्टियां होना, जहां एक ही व्यक्ति का नाम अलग-अलग विधानसभाओं या मतदान केंद्रों में दर्ज पाया गया था।
- समान फोटो वाली प्रविष्टियां, जहां एक ही व्यक्ति की तस्वीरें अलग-अलग स्थानों पर मौजूद थीं।
- मतदाता सूचियों में फर्जी नाम, जिनका जमीनी स्तर पर पता नहीं चल रहा था।
- मतदाता सूचियों में मृत या स्थानांतरित मतदाताओं का होना।
- ऐसे मतदाताओं का होना, जिनकी फोटो पहचान में नहीं आ रही थी।
- एक ही पते या अमान्य पतों पर असामान्य रूप से अधिक संख्या में मतदाताओं का होना।