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4 अगस्त की सुबह लंदन के ओवल मैदान पर पांचवें दिन की सुबह जीत की रणनीति बना रही थी तब मैच रेफरी जेफ क्रो ने संदेश भिजवाया कि भारतीय टीम निर्धारित समय से छह ओवर पीछे है. अगर ये ओवर रेट नहीं सुधरा तो आपके चार अंक …और पढ़ें

ओवल टेस्ट मैच में जब चौथे दिन का खेल खत्म हुआ तो भारतीय टीम को जीत के लिए 4 विकेट की दरकार थी और साथ ही इस बात की चुनौती थी कि पांचवे दिन ओवर रेट को कैसे सुधारा जाए क्योंकि इंग्लैंड को आलआउट करने के साथ 4 अंक भी बचाना था और इस बेचैनी को ड्रेसिंग रुम में देखा जा सकता था.
4 अगस्त की सुबह लंदन के ओवल मैदान पर पांचवें दिन की सुबह जीत की रणनीति बना रही थी तब मैच रेफरी जेफ क्रो ने संदेश भिजवाया कि भारतीय टीम निर्धारित समय से छह ओवर पीछे है. अगर ये ओवर रेट नहीं सुधरा तो आपके चार अंक कटेंगे. इस डब्ल्यूटीसी सत्र में भारत की यह पहली सीरीज थी. पिछले साल भारत डब्ल्यूटीसी फाइनल नहीं पहुंच पाया था ऐसे में ये चार अंक इस बार बहुत महत्वपूर्ण होने वाले थे. इस चेतावनी के बाद ड्रेसिंग रूम में कप्तान शुभमन गिल, मुख्य कोच गौतम गंभीर और सहायक कोच सितांशु कोटक सहित कुछ लोगों के बीच एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठक हुई. इस बैठक में एक सदस्य ने कहा कि प्रसिद्ध कृष्णा की बची हुई चार गेंद होने के बाद ओवर रेट को सुधारने के लिए दोनों छोर से स्पिनरों रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर को लगा देते हैं. इस रणनीति से भारत ओवर रेट सुधार सकता था, लेकिन इंग्लिश बल्लेबाज जेमी स्मिथ और जेमी ओवरटन तेज गेंदबाजों की अनुपस्थिति में तेजी से रन बनाकर मैच पलट देते और इससे मैच हाथ से फिसल सकता था. सूत्रों के अनुसार कोच गौतम गंभीर ने साफ कहा कि मुझे ओवर रेट की चिंता नहीं है, अगर चार अंक कटते हैं तो कटें, लेकिन हम जीतने के लिए खेलेंगे. इसके बाद यह तय हुआ कि एक छोर से प्रसिद्ध कृष्णा और दूसरे छोर से मोहम्मद सिराज को लगातार आक्रमण पर लगाया जाएगा और कप्तान शुभमन गिल ने भी उस पर सहमति जताई और नतीजा भारतीय टीम ने सिर्फ टेस्ट जीता साथ ही सीरीज बराबर करने में कामयाब हो पाई.
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में हर मैच और प्रत्येक प्वाइंट अहम होता है. टेस्ट मैच में जीत से 12 अंक, ड्रा से 4 और टाई से 6 अंक मिलते है लेकिन अन्य टीमों की रैंकिंग प्वाइंट्स प्रतिशत के आधार पर होती है यानि अपने कितने अंक कमाए वो उपलब्ध अंकों के कितने प्रतिशत है. इस कारण एक भी मैच हार या स्लो ओवर रेट की वजह से कटे अंक किसी टीम को फाइनल की दौड़ से बाहर कर सकते है. पिछले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप चक्र में भारत को ऑस्ट्रेलिया से बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में मिली हार के बाद फाइनल की दौड़ से बाहर होना पड़ा था और टीम लगातार तीसरी बार फाइनल केलने से चूक गई.