Last Updated:
Sagar News: ईपीएफओ कमिश्नर चेतन यादव ने लोकल 18 से कहा कि पहले जब जीवन प्रमाण पत्र जमा करते थे, तो पेंशनर्स को बैंक जाकर प्रमाण पत्र बनवाना पड़ता था. फिर वह ईपीएफओ कार्यालय आते थे, जिसके बाद ही उनकी पेंशन जारी …और पढ़ें
मध्य प्रदेश के सागर में ईपीएफओ कमिश्नर चेतन यादव लोकल 18 को बताते हैं कि पहले जब जीवन प्रमाण पत्र जमा करते थे, तो पेंशनभोगी को बैंक जाकर प्रमाण पत्र बनवाना पड़ता था. फिर वह ईपीएफओ कार्यालय में आता था, जिसके बाद उनकी पेंशन जारी हो पाती थी और इस प्रक्रिया के लिए नवंबर-दिसंबर का महीना फिक्स रहता था. इन्हीं दो महीनों में फार्म जमा करना पड़ता था, तब जाकर 1 जनवरी से लेकर अगली 12 महीने की पेंशन आती थी.
किसी भी महीने कर सकते हैं वेरिफिकेशन
उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा अब डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसमें उमंग ऐप के माध्यम से थम्ब स्कैन, आई स्कैन और अब फेस ऑथेंटिकेशन से भी जीवन प्रमाण पत्र जमा होने लगा है. इसके साथ ही अब नवंबर-दिसंबर महीने की बाध्यता भी खत्म हो गई है. साल के किसी महीने में किसी भी दिन यह फॉर्म अपने मोबाइल से भर सकते हैं. जिस भी तारीख और महीने में आप इसका वेरिफिकेशन करेंगे, यह अगले 12 महीने के लिए मान्य होगा.
प्ले स्टोर से डाउनलोड करें उमंग ऐप
चेतन यादव आगे बताते हैं कि पेंशन लेने वाले व्यक्ति किसी भी एंड्रॉयड मोबाइल से उमंग ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. इसके बाद ईपीएफओ वाले विकल्प पर जाएं. यहां पर अपनी पूरी जानकारी उस डिजिटल फॉर्म में भरकर आधार कार्ड से कनेक्ट होने के बाद आपके मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा. ओटीपी डालने के बाद जैसे ही फॉर्म को जमा करेंगे, तो आपका डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बन जाएगा और आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.