विदिशा जिले में रविवार को भुजरिया पर्व परंपरागत तरीके से मनाया गया। गलियों और मोहल्लों में महिलाओं और युवतियों की टोलियां सिर पर गेहूं और मिट्टी से बनी भुजरियां सजाकर निकलीं। हर टोली में पारंपरिक गीत गूंज रहे थे। ढोल-ढमाकों और बैंड की धुन से माहौल उत
.
मुख्य बाजार से होते हुए जुलूस बेतवा नदी के घाट पर पहुंचा। यहां श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से भुजरियों का पूजन किया। इसके बाद नदी में विसर्जन कर परिवार की सुख-समृद्धि, अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना की। बेतवा के तट पर आस्था का ऐसा संगम था कि लोगों की भीड़ घाटों पर देर तक बनी रही।
प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस बल और एसडीआरएफ की टीम लगातार निगरानी में रही। इससे भीड़ में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
बुजुर्गों के अनुसार भुजरिया पर्व सावन की समाप्ति का प्रतीक है। यह सामूहिक भाईचारे, मेलजोल और पारंपरिक संस्कृति को आगे बढ़ाने का अवसर भी है।
इस मौके पर बस स्टैंड पर पारंपरिक दंगल का आयोजन भी हुआ। इसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के नामी पहलवानों ने अपनी कुश्ती कला का प्रदर्शन किया। दर्शकों ने पहलवानों का उत्साहवर्धन किया। आयोजकों ने विजेता पहलवानों को सम्मानित भी किया।
देखिए तस्वीरें…

