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Balaghat News: नृत्य के जरिए आपसी भाईचारा दिखाते हुए आराध्य देव से अच्छी बरसात, अच्छी फसल और सुख-समृद्धि की कामना की जाती है. इस दौरान पारंपरिक गीतों के साथ भुजरियों का विसर्जन किसी तालाब या नदी में किया जाता ह…और पढ़ें
रक्षाबंधन के अगले दिन भुजरिया पर्व को ग्रामीण अंचलों में मनाया जाता है. यहां पर पारंपरिक गीतों के साथ-साथ आदिवासियों की खास प्रस्तुति शैला नृत्य की झलक देखने को मिलती है. यह नृत्य खुशहाली की कामना के लिए किया जाता है. नृत्य के माध्यम से आपसी भाईचारा दिखाते हुए आराध्य देव से अच्छी बारिश, अच्छी फसल और सुख-समृद्धि की कामना की जाती है. इस दौरान पारंपरिक गीतों के गायन के साथ भुजरियों का विसर्जन किसी नदी या तालाब में किया जाता है. इसके बाद सभी लोग एक-दूसरे को भुजरिया देकर शुभकामनाएं देते हैं.
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