ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ता और त्वरित न्याय दिलाने के उद्देश्य से सोमवार को ग्राम मुगालिया कोट में ग्राम न्यायालय का आयोजन किया गया। भोपाल जिला अदालत से लगभग 23 किलोमीटर दूर आयोजित इस न्यायालय में न्यायाधीश भारत सिंह रघुवंशी ने थाना सुखी सेवनिया और ई
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इस दौरान वर्ष 2018 से लंबित एक आपराधिक प्रकरण का भी निपटारा किया गया। जिससे संबंधित पक्षकारों को लंबे समय से चल रहे विवाद से राहत मिली। कार्यक्रम में एडीपीओ विष्णुकांत समाधिया, कोर्ट स्टाफ विपिन गुप्ता, मोहित सिंह सिसोदिया, ग्राम मुगालिया कोट की सरपंच प्रतिभा दीवान सिंह लोधी, सचिव दिलीप नेहर, रोजगार सहायक विक्रम सिंह, थाना सुखी सेवनिया के थाना प्रभारी रामबाबू चौधरी, प्रधान आरक्षक राजेश सिंह राजपूत, विष्णु प्रताप सिंह सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
2018 से लंबित प्रकरणों का भी हुआ निराकरण।
गौरतलब है कि ग्राम न्यायालय अधिनियम 2008 को केंद्र सरकार ने 22 दिसंबर 2008 को पारित कर 2 अक्टूबर 2009 से लागू किया था। इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में न्यायिक प्रक्रिया को गांव तक पहुंचाना, स्थानीय अदालतों का बोझ कम करना और सस्ता व त्वरित न्याय उपलब्ध कराना है।
इस व्यवस्था के तहत ग्रामीण इलाकों के छोटे-छोटे दीवानी व आपराधिक मामलों का निपटारा गांव में ही किया जाता है। जिससे न केवल समय और खर्च की बचत होती है, बल्कि न्याय जनता के दरवाजे तक पहुंचता है।