रीवा के संजय गांधी अस्पताल प्रबंधन ने अस्पताल के भीतर घूम रहे आवारा कुत्तों से परेशान होकर पत्राचार किया है। बताया गया कि जहां आवारा डॉग एक तरफ अस्पताल के भीतर घुसकर मरीजों को अपना शिकार बना रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ शहर भर में लगातार डॉग बाइट के मामले
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यह स्थिति बधियाकरण के टेंडर के खत्म होने से हुई। जिसमें भारी लापरवाही बरती गई। एक आंकड़े के मुताबिक हर माह रीवा में कुत्तों के काटने के मामलों में वृद्धि हुई है। विशेष रूप से,संभाग के सबसे बड़े संजय गांधी अस्पताल में हर महीने 600 से अधिक लोग रेबीज का इंजेक्शन लगवाने आते हैं।
एक माह पहले एक 14 वर्षीय लड़के को कुत्ते ने काटा था और उसे रेबीज के इंजेक्शन दिए गए थे, लेकिन फिर भी उसकी हालत बिगड़ गई और वह कुत्ते जैसी हरकतें करने लगा, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। रेबीज इंजेक्शन लगाने के बाद भी बचाया नहीं जा सका।



अमहिया थाना क्षेत्र स्थित नरेन्द्र नगर में निवासी 14 वर्षीय नितिन नट अपने परिजन संग मौसी के घर गर्मियों की छुट्टी मनाने आया था। वह बीते 16 जून को घर के सामने पार्क में खेल रहा था। इसी दौरान एक आवारा कुत्ते ने नितिन को गर्दन पर काट लिया। उसे तीन इंजेक्शन लगवाए गए। पर उसकी मौके पर मौत हो गई।
कुत्ते के काटने के 23 दिन बाद उसकी मौत हुई। इस घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया और सोचने पर मजबूर कर दिया।
नगर निगम आयुक्त सौरभ सोनवड़े ने बताया कि दोबारा से बधियाकरण के टेंडर की प्रक्रिया की जाएगी। ताकि लोगों को असुविधा से बचाया जा सके। बीच में यह टेंडर खत्म हो गया गया। जिसे दोबारा से बहाल किया गया है।