महाकाल महालोक में शास्त्रीय संगीत और नृत्य का समागम: ध्रुपद गायन के साथ कथक नृत्यांगनाओं ने प्रस्तुत की गणेश वंदना और शिव स्तुति – Ujjain News

महाकाल महालोक में शास्त्रीय संगीत और नृत्य का समागम:  ध्रुपद गायन के साथ कथक नृत्यांगनाओं ने प्रस्तुत की गणेश वंदना और शिव स्तुति – Ujjain News



उज्जैन में सांस्कृतिक संध्या।

श्री महाकाल महालोक में श्रावण-भादौ मास में प्रतिदिन आयोजित होने वाली श्री महाकालेश्वर सांस्कृतिक संध्या के अंतर्गत गुरुवार को गायन और समूह कथक नृत्य की प्रस्तुतियां दी गईं। नृत्य और संगीत के माध्यम से गणेश वंदना और शिव स्तुति की गई।

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सांस्कृतिक संध्या की प्रथम प्रस्तुति में आउचिन बेनर्जी ने शास्त्रीय ध्रुपद गायन प्रस्तुत किया। उन्होंने राग यमन में नोम-तोम के आलाप से शुरुआत की और फिर विलंबित मध्य व द्रुत आलाप के बाद ताल धमार (14 मात्रा) में बंदिश ‘केसर घोल के रंग बनो’ पेश की। पखावज पर श्रीधर व्यास और तानपुरे पर मधुमिता बेनर्जी ने संगत दी।

कार्यक्रम की दूसरी प्रस्तुति आरंभ कथक नृत्य पाठशाला, उज्जैन की निदेशिका डॉ. अंजना चौहान के निर्देशन में हुई। नृत्यांगनाओं ने समूह कथक के माध्यम से गणेश वंदना, शिव भजन और शिव स्तुति प्रस्तुत की। मंच पर मानस शर्मा, अदिति राठौर गेहलोत, वैष्णवी नागर, हितांशी रठा, पहल मेहरवाल, ओजस्वी शर्मा और सन्विका शर्मा उपस्थित थीं।

कार्यक्रम की शुरुआत मंदिर के पुजारी पं. रमण त्रिवेदी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जबकि संचालन दीपक उपाध्याय ने किया। सांस्कृतिक संध्या सायं 6 से 8 बजे तक प्रतिदिन आयोजित होती है।



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