उज्जैन के नरसिंघ घाट के पास स्थित भारत सेवक मंदिर देशभक्तों, स्वतंत्रता सेनानियों और देश के महान योगदानकर्ताओं को समर्पित है। यहां 21 परमवीर चक्र पाने वाले सैनिकों, खेल, कला, शिक्षा और राजनीति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों की प्र
.
भारत सेवक मंदिर देशभक्तों, स्वतंत्रता सेनानियों और देश के महान योगदानकर्ताओं को समर्पित है।
21 परमवीर चक्र प्राप्त सैनिकों को श्रद्धांजलि
मंदिर में सबसे पहले 21 परमवीर चक्र प्राप्त सैनिकों की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। इसके साथ ही आज़ाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाषचंद्र बोस, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, शिक्षा क्षेत्र के डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, नोबेल विजेता रवींद्रनाथ टैगोर और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाएं भी यहां मौजूद हैं।
खेल और सिने जगत के महानायकों को सम्मान
सैनिकों के अलावा खेल जगत के लिए मेजर ध्यानचंद, सिने जगत के लिए दादा साहेब फाल्के की प्रतिमा स्थापित की गई हैं। ये सभी देश की सेवा और उपलब्धियों के प्रतीक हैं।
राजनीति और नेतृत्व में योगदान
राजनीति और नेतृत्व क्षेत्र में प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू, प्रथम लोकसभा अध्यक्ष मावलणकर, प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा की प्रतिमाएं भी मंदिर में रखी गई हैं। मंदिर में भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों को भी देश के नक्शे पर दर्शाया गया है।
परिवार के सदस्य कर रहें देखभाल
रिटायर्ड जज दान सिंह चौधरी ने यह मंदिर बनाने का उद्देश्य टूटती हुई प्रतिमाओं को सुरक्षित रखना और आने वाले लोगों को देशभक्तों की वीरता और योगदान से परिचित कराना बताया। मंदिर की देखभाल उनके परिवार के सदस्य संजय कुमार चौधरी, सुनीता चौधरी, डॉ. रजनी चौधरी, डॉ. अनुराधा चौधरी, ज्योति चौधरी और प्रवीण चौधरी कर रहे हैं।