ये ऊंट तो नाचता भी है…DJ बजते ही थिरकने लगता है ‘राजकुमार’

ये ऊंट तो नाचता भी है…DJ बजते ही थिरकने लगता है ‘राजकुमार’


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Burhanpur Camel Dance Video: राजकुमार (ऊंट) विवाह या अन्य धार्मिक आयोजनों में डांस करता है. उसके डांस के लोग फैन हैं. वे लोग डांस का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी शेयर करते हैं. जैसे ही डीजे बजने लगता है, राजक…और पढ़ें

बुरहानपुर. अभी तक आपने शादियों में रिश्तेदारों को और मेहमानों को डीजे पर डांस करते हुए देखा होगा लेकिन आज हम आपको मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के लालबाग क्षेत्र में रहने वाले राजा भाई ऊंट वाले के राजकुमार से रूबरू कराने जा रहे हैं. इस ऊंट का नाम ही राजकुमार है. राजा ने लोकल 18 से बात करते हुए कहा कि वह पिछले 20 साल से ऊंट पाल रहे हैं. राजकुमार की उम्र 10 साल है. वह उन्हें दहेज में मिला था. तब उसकी उम्र एक साल थी. वह उसे जैसलमेर से बुरहानपुर ले आए और बच्चे की तरह पाला. उन्होंने उसे एक साल में यूट्यूब के माध्यम से डांस करना, चलना और दौड़ना सिखाया. वह पिछले चार साल से डांस कर रहा है.

उन्होंने बताया कि आज राजकुमार विवाह या अन्य धार्मिक आयोजनों में डांस करता है. उसके डांस के लोग दीवाने हैं. वे डांस का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी डालते हैं. जैसे ही डीजे बजने लगता है, राजकुमार नाचना शुरू कर देता है. वह दो पैरों पर खड़ा भी हो जाता है. वह उसे शादियों में लेकर जाते हैं. दूल्हे उसपर बैठकर बारात भी निकालते हैं. बाराती भी उसे नचाते हैं. वह अन्य जगहों पर बच्चों को ऊंट की सवारी भी कराते हैं. यही उनकी रोजी-रोटी का जरिया है.

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आम नागरिकों को नहीं जानकारी
गौरतलब है कि पहले के समय में मदारी जगह-जगह घूम-घूमकर बंदर, भालू आदि का करतब दिखाते थे. भारत में पशुओं के शिकार पर प्रतिबंध है और यहां जानवरों के अधिकारों से जुड़े तमाम कानून भी हैं. कई बार आम नागरिकों को इनकी जानकारी नहीं होती है. भारत के संविधान में जिन नागरिक कर्तव्यों का जिक्र किया गया है, उसमें सभी जीवित प्राणियों के प्रति दया का भाव रखना अनुच्छेद 51A (g) के तहत नागरिक कर्तव्य बताया गया है. अगर आपने अपने पालतू जानवर को घर से निकाल दिया है, तो आपको तीन महीने तक की जेल हो सकती है.

बंदरों को कानूनी सुरक्षा
वाइल्डलाइफ एक्ट में बंदरों को कानूनी सुरक्षा दी गई है. कानून के अनुसार, बंदरों से नुमाइश करवाना या उन्हें कैद में रखना गैरकानूनी है. जानवरों की देखभाल के क्रम में उसे पर्याप्त भोजन, पानी, शरण देने से इनकार करना और लंबे समय तक बांधे रखना दंडनीय अपराध है. इसके लिए जुर्माना या तीन महीने की जेल या फिर दोनों हो सकते हैं. PCA एक्ट के सेक्शन 22(2) के तहत बंदर, भालू, बाघ, तेंदुए, शेर और बैल को मनोरंजन यानी तमाशे के लिए ट्रेनिंग देना और इस्तेमाल करना भी गैरकानूनी है.

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