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श्रेयस अय्यर आईपीएल में शानदार रहे सिर्फ़ कप्तान के तौर पर ही नहीं, बल्कि बल्लेबाज़ के तौर पर भी. उन्होंने पंजाब किंग्स के लिए कुछ असाधारण पारियाँ खेलीं और अपनी टीम को फ़ाइनल तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई. स…और पढ़ें

सिर्फ़ आईपीएल का प्रदर्शन ही अय्यर के पक्ष में नहीं जाता. आईपीएल से ठीक पहले दुबई में खेली गई चैंपियंस ट्रॉफी में भी श्रेयस ने शानदार प्रदर्शन किया था. वह इस समय भारत में स्पिन गेंदबाज़ी के बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक हैं, और एशिया कप के लिए दुबई में स्पिन गेंदबाज़ों के अनुकूल हालात होने की वजह से वह चयन के हक़दार हैं.
श्रेयस अय्यर के पक्ष में सबसे मजबूत बात ये जाती है कि वो है स्पिन गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ उनके रन बनाने की क्षमता. दुबई में स्पिनरों को मदद मिलने की उम्मीद है और मौजूदा भारतीय बल्लेबाज़ों को टर्निंग गेंदों के सामने जूझना पड़ा है. न्यूज़ीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज़ इसका एक उदाहरण है. श्रेयस, जैसा कि सभी जानते हैं, स्पिन के खिलाफ़ शानदार हैं और वह हाथ से गेंद की स्पिन को को पढ़ने में महारत रखते हैं. मुश्किल परिस्थितियों में पलटवार करने की क्षमता रखते हैं चैंपियंस ट्रॉफी में उन्होंने यह बखूबी किया और भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया और टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बने.इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भारत में व्हाइट बॉल के कई शानदार खिलाड़ी का खजाना है और यहीं पर चीज़ें पेचीदा हो जाती हैं फिर वो बात चाहे शुभमन गिल की हो या श्रेयस अय्यर की.
पिछले एक साल से टी-20 की टीम में सब सेट चल रहा था अब अचानक कई खिलाड़ी एशिया कप की दावेदारी लेकर सामने आ गए है. अगर श्रेयस को तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी करनी है तो सूर्यकुमार कहां खेलेंगे गिल आए तो अभिषेक या सैमसन में से किसी एक का क्या होगा? और अगर श्रेयस को पाँचवें नंबर पर बल्लेबाज़ी करनी है, तो तिलक वर्मा का क्या होगा? बहरहाल, भारत के पास गिल, श्रेयस और तिलक को एक ही टीम में खिलाने का विकल्प नहीं है, बशर्ते सैमसन और अभिषेक शर्मा सूर्या के साथ खेलें. गिल या श्रेयस जैसे खिलाड़ियों के साथ दूसरी बात यह है कि अगर आप उन्हें चुनते हैं, तो आमतौर पर उन्हें बेंच पर नहीं बिठाते. गिल भारत के लाल गेंद के कप्तान हैं और भविष्य में सभी प्रारूपों के कप्तान भी बन सकते हैं, लेकिन श्रेयस काफी सीनियर हैं और अगर चुने जाते हैं तो पहली टीम में जगह बनाने के लिए उनके पास पर्याप्त अनुभव है.
जो हालात बन रहे है उससे तो साफ लग रहा है कि श्रेयस,शुभमन गिल और तिलक के बीच सीधा शूट ऑफ होगा क्या तीनों टीम में जगह बना सकते हैं जबकि ज़्यादा से ज़्यादा सिर्फ़ दो ही खेल सकते हैं. 10 सितंबर को जब टीम मैदान पर उतरेगी तो भारत की प्लेइंग इलेवन क्या हो सकती है.श्रेयस के लिए, यह छोटे प्रारूप में खुद को फिर से ढालने का एक मौका होगा. पंजाब किंग्स के लिए जिस तरह से उन्होंने खुद को फिर से गढ़ा, वह इस बात का सबूत है कि वह कितने बेहतरीन खिलाड़ी हैं, और हो सकता है कि भारत के लिए भी वह ऐसा ही करें, बस समय की बात है. इसके अलावा, श्रेयस उच्च दबाव वाली परिस्थितियों के आदी हैं. पाकिस्तान के खिलाफ मैच का फैसला इस बात से होगा कि कौन दबाव को बेहतर ढंग से झेल पाता है.इसमें कोई शक नहीं कि श्रेयस अपने एप्रोच के साथ श्रेयस भारत के लिए एक भरोसेमंद खिलाड़ी साबित हो सकते हैं.