प्रदेश में सोमवार 18 अगस्त से वर्षा का पांचवां चरण शुरू होने जा रहा है। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक इस बार वर्षा मघा नक्षत्र में प्रवेश करेगी। वर्षा के कुल आठ नक्षत्र माने जाते हैं, जिनमें यह पांचवां है। ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद गौतम के अनुसार सोमवार
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मघा नक्षत्र को ज्योतिष शास्त्र में योग कारक नक्षत्र कहा गया है। इस दौरान सूर्य-चंद्र योग तथा संज्ञा स्त्री-पुरुष नक्षत्र की स्थिति बनने से श्रेष्ठ वर्षा के योग बन रहे हैं। इस नक्षत्र का वाहन इस बार जंबूक (सियार) रहेगा। जंबूक वाहन को प्रचुर वर्षा का सूचक माना गया है। इसका अर्थ है कि इस दौरान प्रदेश में बारिश का वेग और बढ़ेगा। हालांकि, पंडित गौतम ने यह भी चेताया है कि कहीं-कहीं अत्यधिक वर्षा से जन-धन की हानि की संभावना भी बनी रहेगी।
31 अगस्त तक होगी वर्षा
उन्होंने बताया कि मघा नक्षत्र में वर्षा 31 अगस्त तक जारी रहेगी। इसके बाद वर्षा का क्रम तीन और नक्षत्रों पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी और हस्त नक्षत्र में आगे बढ़ेगा। इस अवधि में भी मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। खगोल और पंचांग की गणना के अनुसार वर्षा के हर नक्षत्र का अपना प्रभाव होता है। अब तक चार नक्षत्र पूरे हो चुके हैं और पांचवें नक्षत्र मघा के साथ बारिश का चरम दौर शुरू होगा। मघा नक्षत्र को खासतौर पर समृद्धि और उर्वरता से जोड़ा जाता है। यही कारण है कि इस अवधि में खेतों को भरपूर पानी मिलने के योग बन रहे हैं, जिससे किसानों को भी राहत मिलने की संभावना है।