धार में धारनाथ मंदिर से निकली भगवान की पालकी: 25 से अधिक झांकियां बनीं आकर्षण, रात 12 बजे तक मंदिर परिसर लौटेंगे – Dhar News

धार में धारनाथ मंदिर से निकली भगवान की पालकी:  25 से अधिक झांकियां बनीं आकर्षण, रात 12 बजे तक मंदिर परिसर लौटेंगे – Dhar News


धार जिले में स्थित धारेश्वर मंदिर से सोमवार को भगवान धारनाथ की छबीना यात्रा शुरू हो गई। दोपहर सवा चार बजे भगवान पालकी में सवार होकर प्रजा का हाल जानने निकले। यह यात्रा रात 12 बजे तक मंदिर परिसर लौटेगी।

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यात्रा से पहले भगवान के पवित्र मुखौटे की पूजा-अर्चना की गई। इस अवसर पर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, एसपी मनोज कुमार सिंह और विधायक नीना वर्मा सहित मंदिर समिति के सदस्य और हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे। माझी समाज के युवा भगवान की पालकी कंधों पर ले जा रहे थे, जबकि श्रद्धालु हाथों में झाड़ू लेकर सड़क साफ कर रहे थे।

आजादी के पहले से निकल रहा छबीना बाबा धारनाथ का छबीना आजादी से पहले से निकाला जा रहा है। स्टेट टाइम में धार महाराज आनंदराव पवार के शासनकाल से यह परंपरा चली आ रही है। पहले छबीना बैलगाड़ी में निकाला जाता था, लेकिन 1994 के बाद इसे भव्य रूप में प्रस्तुत किया जाने लगा। समिति के सचिव अजय डॉ. मनोहर सिंह ठाकुर ने बताया कि पुराने समय में सड़कों पर स्ट्रेट लाइट नहीं होती थी, इसलिए छबीना कैंडल लाइट में निकाला जाता था।

धारेश्वर मंदिर में सुबह 10 बजे से पूजा का कार्यक्रम शुरू हुआ। महाआरती के बाद पालकी छतरी, हटवाड़ा, पिपली बाजार, आनंद चौपाटी, धानमंडी, कश्यप भवन, मोहन टाकीज, पट्ठा चौपाटी और राजबाड़ा होते हुए देर रात मंदिर लौटेगी।

सुबह गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया पवित्र मुखौटे की पूजन के बाद सुबह 10 बजे के बाद पुलिस सशस्त्र बल की टुकड़ी ने गॉर्ड ऑफ आर्नर दिया। इस वर्ष यात्रा में 25 से अधिक झांकियों का कारवां शामिल हुआ। भगवान भोलेनाथ पर आधारित झांकियां पारंपरिक मार्ग से निकाली गईं। इसके अलावा 21 फीट की प्रेमानंद महाराज की प्रतिमा ने शहरवासियों का ध्यान आकर्षित किया।

सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर शहर के सभी मुख्य चौराहों पर पुलिस बल तैनात किए गए हैं। हजारों श्रद्धालुओं ने पारंपरिक परिधानों में छबीने में शामिल हैं।



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