माचलपुर नगर में मंगलवार को सात दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह का समापन हुआ। अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित कथा के अंतिम दिन अशोकनगर से पधारे कथावाचक पंडित शिवदयाल भार्गव ने सुदामा चरित्र और परिक्षित मोक्ष की कथा सुनाई। पंडित शिवदयाल भार्गव ने सु
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उन्होंने कहा दोनों बचपन में गुरुकुल में साथ पढ़े थे। कृष्ण राजकुमार थे और सुदामा गरीब ब्राह्मण। कालांतर में कृष्ण द्वारका के राजा बने। सुदामा की पत्नी के कहने पर वे द्वारका गए। कृष्ण ने मित्र का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने सुदामा के पैर धोए और महल में ठहराया। जब सुदामा घर लौटे तो उनकी झोपड़ी कृष्ण की कृपा से भव्य महल में बदल चुकी थी।
परिक्षित मोक्ष की कथा में बताया गया कि कुरुवंश के राजा परीक्षित को एक ऋषि ने सात दिन में तक्षक नाग के डसने का श्राप दिया था। गुरु की सलाह पर उन्होंने शुकदेव गोस्वामी से श्रीमद्भागवत कथा सुनी। कथा के प्रभाव से उन्हें मृत्यु का भय नहीं रहा और मोक्ष की प्राप्ति हुई।
कथा के दौरान श्रीकृष्ण के भजनों पर श्रद्धालु भक्ति में डूबे नजर आए। सायं 5 बजे पूर्णाहुति के बाद भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने प्रसादी ग्रहण की।