सचिन के लाड़ले अर्जुन ने चुनी उम्र में बड़ी दुल्हन, एज-गैप मैरिज में क्या आते हैं कॉम्प्लिकेशंस? डॉक्टरों ने बताया

सचिन के लाड़ले अर्जुन ने चुनी उम्र में बड़ी दुल्हन, एज-गैप मैरिज में क्या आते हैं कॉम्प्लिकेशंस? डॉक्टरों ने बताया


Arjun Tendulkar engaged Saaniya chandhok: क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने जब से अपने से उम्र में बड़ी सानिया चंडोक से सगाई की है, तभी से चर्चाओं का बाजार गर्म है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि भारतीय कल्चर की शादियों में आमतौर पर लड़के की उम्र लड़की से ज्यादा ही होती है. वहीं अगर इसका उल्टा हो तो उसे बेमेल विवाह तक कहा जाता है. यहां सानिया चंडोक उम्र में अर्जुन तेंदुलकर से करीब सवा साल बड़ी हैं. देखा जाए तो उम्र का ये फासला सिर्फ अर्जुन और उनकी होने वाली दुल्हन के बीच ही नहीं है बल्कि उनके पिता सचिन तेंदुलकर ने भी अपने से उम्र में 5 साल बड़ी अंजलि से शादी की थी. ऐसे में दुल्हन की उम्र ज्यादा और दूल्हे की कम होने पर इसे बेमेल कहे जाने के पीछे क्या कोई साइंटिफिक आधार भी है या सिर्फ समाज में चली आ रही परंपरा के चलते इतना हो-हल्ला हो रहा है, आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं…

एनसीआर के जाने-माने एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. संजय कालरा News18hindi से बातचीत में कहते हैं, ‘पुरुषों और महिलाओं में औसत जीवन प्रत्याशा का फर्क है. महिलाएं पुरुषों के मुकाबले अंदाजन तीन साल ज्यादा जिंदा रहती हैं. औसतन पुरुष साढ़े 70 साल जबकि महिलाएं साढ़े 73 साल जीती हैं. लेकिन जब हम इनकी रिप्रोडक्टिव लाइफ देखते हैं, यानि वो उम्र जिसमें महिला मां बन सकती है और पुरुष पिता बन सकता है. उसमें ये दिखता है कि महिलाओं की रिप्रोडक्टिव लाइफ का टाइम स्पैन कम है, जबकि पुरुषों का ज्यादा है. करीब 49 साल की उम्र तक महिलाओं के पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं और उनके अंदर के बनने वाले फीमेल हार्मोंस भी खत्म हो जाते हैं. इस दौरान वह प्राकृतिक रूप से मां नहीं बन सकती.इसके अलावा पति के साथ शारीरिक संबंध के लिए जरूरी हार्मोंस में भी कमी आ जाती है.’

‘पति और पत्नी का संबंध बहुत ही यूनीक होता है. इस संबंध के सामाजिक, मानसिक, भावनात्मक से लेकर अलग-अलग फैक्टर्स और पहलू होते हैं, लेकिन एक जो सबसे महत्वपूर्ण पहलू है वह है पति-पत्नी के बीच का शारीरिक संबंध. सामान्य तौर पर होता क्या है कि महिला जल्दी बुजुर्ग हो जाती है. जबकि पुरुष का यौवन महिला के मुकाबले ज्यादा समय तक रहता है. ऐसी स्थिति में अगर महिला की उम्र पहले से ही पुरुष से ज्यादा है तो यौवन का ये एज गैप और भी बढ़ जाता है. इसीलिए जब दोनों के बीच एज गैप हो और उनकी आपस में शादी कर रहे हैं तो दोनों को पहले से तैयार रहना चाहिए, कि शायद शादी के कुछ साल बाद शारीरिक तौर पर उनके संबंध ऑप्टिमल या बिल्कुल सही न रहें.’

‘देखा जाए तो यह सामान्य नहीं है. पूरी दुनिया की आम संस्कृति में शादी के लिए महिला की उम्र कम होती है और पुरुष की उम्र ज्यादा रखी जाती है. हालांकि आपातकालीन स्थितियों में जब कोई घटना हुई और पुरुषों की मौत हो गई, ऐसे में अगर उसकी विधवा की दोबारा शादी की गई, जिसे समाज ने स्वीकार किया तो यह इमरजेंसी स्थितियों में ऐसा होता रहा है, लेकिन आमतौर पर लड़कियों की उम्र कम ही रखी गई है.’

प्रेग्नेंसी पर भी पड़ता है असर
अगर महिला पुरुष से बड़ी है और लेट प्रेग्नेंसी का विकल्प चुनती है तो उसमें कई तरह की कॉम्पलिकेशंस आ ही सकती हैं. पैदा होने वाले बच्चों में भी कई तरह की विसंगतियां देखने को मिल सकती हैं. 35 साल एक अनुमानित कट ऑफ है, अगर उससे ऊपर प्रेग्नेंसी में कठिनाइयां होती हैं. डॉक्टर्स ऐसा नहीं कहते कि 40 से उपर मां ही न बनें लेकिन 40 की उम्र के बाद पैदा होने वाले बच्चों में कुछ डिसऑर्डर्स होने की संभावना होती है, बच्चे का आईक्यू कम हो सकता है. हालांकि ऐसी कोई ठोस स्टडी नहीं है लेकिन फिर भी चांसेज हैं.

मेडिकल जन्मपत्री मिलवाएं
डॉ. कालरा कहते हैं कि नए कपल अर्जुन तेंदुलकर और सानिया चंडोक को खूब शुभकामनाएं हैं, सब कुछ इनके लिए शुभ हो और ये एकदम खुशहाल जिंदगी जीएं. हालांकि सामान्य तौर पर एज गैप के साथ शादी करने वाले ही नहीं बल्कि अन्य युवाओं की भी एक बार प्री मैरिज काउंसलिंग जरूर होनी चाहिए. जब शादी होती है तो लोग ज्योतिषी से जन्मपत्री मिलवाते हैं, लेकिन एक मेडिकल जन्मपत्री भी मिलवानी चाहिए. आपके ब्लड के टेस्ट होने चाहिए. आपको थेलीसीमिया या कोई और इन्फेक्शन तो नहीं है. यं

क्या कहती हैं साइकोलॉजिस्ट?
जानी मानी साइकोलॉजिस्ट और मैरिज काउंसलर डॉ. निशा खन्ना कहती हैं,  ‘मेरे अनुभव में पति की उम्र कम और पत्नी की उम्र ज्यादा होना आजकल काफी कॉमन है. ऐसे बहुत सारे जोड़े हैं, जिनमें इसी तरह का एज गैप है लेकिन बेहद खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं, खुद अर्जुन के माता-पिता सचिन तेंदुलकर और अंजली इसके सबूत हैं. रिश्ता कितना चलेगा यह कपल की कंपेटेबिलिटी पर निर्भर करता है. हो सकता है कि पत्नी बड़ी है तो वह ज्यादा मैच्योर हो लेकिन इससे उनके जीवन पर कोई खराब असर पड़ेगा, ऐसा नहीं है.’



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