निगम परिषद: अफसरों पर बरसे विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के पार्षद, आसंदी घेर नहीं चलने दी परिषद – Gwalior News

निगम परिषद:  अफसरों पर बरसे विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के पार्षद, आसंदी घेर नहीं चलने दी परिषद – Gwalior News



एक दिन पहले कोर्ट ने कहा- कामचोरों को बाहर करें

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अब सभापति बोले- अफसर नौकरी लायक नहीं बचेंगे

शहरवासियों की समस्याओं का निराकरण न होने और सिस्टम फ्लॉप होता देख भाजपा और कांग्रेस के पार्षद निगम के अफसरों पर बरसें। उन्होंने जनता के कामों को नहीं करने के आरोप लगाते हुए कर्मचारियों के तबादलों में लेन-देने की बात कही। सभापति ने कहा कि अधिकारी जानकारी नहीं दे रहे हैं। वे परिषद को कमजोर न समझें। ऐसे अधिकारी-कर्मचारी नौकरी करने लायक नहीं रहेंगे।

लापरवाही करने वाले अफसर यह समझ लें कि परिषद ने कार्रवाई कर दी तो हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिलेगी। ऐसे लोगों के मामले शासन को पहुंचाए जाएंगे। सभापति के तेवर देख नेता प्रतिपक्ष हरीपाल सहित महिला-पुरुष पार्षदों ने आसंदी घेर ली।

निगम प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए कहा-जब आयुक्त ने एक महीने में जवाब देने के लिए कहा है। तब तक परिषद को स्थगित किया जाए। सभा​पति ने 22 अगस्त तक के लिए परिषद स्थगित कर दी। एक दिन पहले ही हाईकोर्ट ने कहा था कि निगम के जो कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे कामचोरो को बाहर का रास्ता दिखाएं। जल विहार के नगर निगम परिषद हॉल में साधारण सम्मेलन के एजेंडे में चार बिंदु है। सिर्फ पहले बिंदु की पुष्टि की गई।

सभापति हुए आयुक्त के काम से खफा, मुंह मोड़ा और दिए निर्देश

  • सीवर-पानी का काम ठेके पर है। तब पीएचई के इंजीनियर और कर्मचारी निगम में क्यों? इन्हें मूल विभाग भेजा जाए।
  • आयुक्त ने पार्षदों को जानकारी देने के लिए 30 दिन मांगे थे, अब तक जानकारी नहीं दी। अब 5 दिन का समय और देते हैं।
  • विरोध के चलते परिषद में 3 बार काम रोका, फिर 22 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।

आयुक्त ने पार्षदों के सवाल के दिए जवाब

  • शिकायत के बाद वार्ड-28 के सफाई कर्मचारी को हटाया।
  • शहर के 13 बड़े पार्कों का ओएंडएम दे दिया है।
  • डीजल चोरी में कार्रवाई कर एक को निलंबित किया है।
  • ड्रेनेज सिस्टम सही नहीं है। ठेकेदार ने लापरवाही की है।
  • 215 जल भराव की सूची बनाई है। 6 माह में सुधारेंगे।
  • स्ट्रीट लाइट का काम एचपीएल कंपनी नहीं कर पा रही है। उसके टर्मिनेशन की कार्रवाई बोर्ड मीटिंग से कराना है।
  • सीवर सिस्टम को ठेके से हटाकर कर्मचारियों से कराएंगे।

अफसरों पर पार्षदों के बोल-

  • हरीपाल: अधिकारी पार्षदों पर आरोप लगाते हैं कि पैसा मांगते है। वे कौन से ईमानदार है। {मोहित जाट: सफाई कर्मचारियों के तबादले में लेने-देन हो रहा है। डाॅ.अतिबल सिंह संविदा पर है। उन्होंने घर निगम के कर्मचारी को रखा है।
  • अपर्णा पाटिल: सफाई व्यवस्था में गोलमाल है। वार्ड में कर्मचारी हस्ताक्षर करके चले जाते हैं। इससे सफाई व्यवस्था गड़बड़ाई हुई है।
  • अंजली पवैया: सफाई व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार ने पैसा दिया। उसका हिसाब दिया जाए।
  • भगवानदास कुशवाह: सड़कों पर ठेले-गुमटी से रोज 50 रुपए और बाड़े से रोजाना 200 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। मदाखलत इसमें मिला है। {बृजेश श्रीवास: बायो सीएनजी कितनी बेच रहे हैं, कितनी वाहनों में डाल रहे यह बताया जाए।
  • आशा चौहान: जलभराव काफी है। क्षेत्रवासी चंदा देकर खुद ही सफाई करा रहे हैं।
  • सुनीता कुशवाह: शिंदे की छावनी में सीवर सड़क पर बह रहा है। रोज पानी नहीं मिल रहा।

​​​​​​​​​​​​​​बेमाता पर हंगामा: नेता प्रतिपक्ष हरीपाल ने कहा-बेमाता तो प्रसाद चढ़ाती है। वहीं पार्षद देवेंद्र राठौर ने कहा कि बेमाता का प्रसाद सुनार की दुकान पर चढ़ता है। इसके बाद परिषद में हंगामा शुरू हो गया। हंगामा देख निगम अधिकारी पूछने लगे बेमाता कौन है?

सचिव ने कहा महापौर को बताया: भाजपा के पार्षदों ने 1 अगस्त को आयुक्त से सवाल पूछे थे। इस पर प्रभारी सदस्य अवधेश कौरव ने कहा कि उन्हें सवाल की जानकारी नहीं है। सचिव श्रीवास्तव ने बताया कि महापौर को बताया था। इस पर भी परिषद में हंगामा हुआ।​​​​​​​



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