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ये कहना है सलीम खान का, जो एमडी ड्रग्स बनाने के आरोपी रज्जाक के बड़े भाई है। सलीम अपने दो भाइयों और माता-पिता के साथ विदिशा जिले के दाउद बासौदा गांव में रहते हैं। रज्जाक सभी भाइयों में तीसरे नंबर का है। उसके परिवार को भरोसा ही नहीं हो रहा है कि वो एमडी ड्रग्स बनाने के कारोबार से जुड़ा था।
परिवार का कहना है कि उसे इस मामले में दोस्त फैजल कुरैशी ने घसीटा है। फैजल भी इस समय डीआरआई की गिरफ्त में है। बता दें कि 16 अगस्त को डायरेक्टोरेट रेवेन्यु इंटेलिजेंस (डीआरआई)ने जगदीशपुरा( इस्लामनगर) स्थित एक फैक्ट्री पर छापा मारकर 92 करोड़ की मेफेड्रोन पकड़ी।
यहां से 61.20 किलो लिक्विड मेफेड्रोन और 541 किलो से ज्यादा कच्चा माल जब्त किया गया। मौके से ड्रग्स के साथ रज्जाक खान और फैजल कुरैशी को गिरफ्तार किया। इन दो के अलावा डीआरआई ने 5 और आरोपियों को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार किया है। इन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।
विदिशा के छोटे से गांव से निकलकर रज्जाक भोपाल कब पहुंचा? उसके ड्रग नेटवर्क के बारे में परिवार को कैसे पता चला? इन सभी सवालों को जानने भास्कर ने दाउद बसौदा जाकर उसके परिवार से बात की। पढ़िए रिपोर्ट..
बीस बीघा जमीन, तीनों भाई खेती करते हैं विदिशा जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर है रज्जाक का गांव दाऊद बासौदा। करीब 1500 की आबादी वाले गांव में ज्यादातर लोग किसान हैं। रज्जाक के तीनों भाई भी खेती करते हैं। गांव में पहुंचने पर भास्कर की मुलाकात यहां रहने वाले नासिर से हुई। नासिर से रज्जाक के मकान का पता पूछा तो उन्होंने कहा अच्छा सलीम भाई के पास जाना चाहते हैं। वो रज्जाक के बड़े भाई हैं।
नासिर ने बताया कि ये परिवार कई सालों से गांव में रहता है। कभी इस परिवार के पास 150 बीघा जमीन थी। दादा हाजी मंगत खान तीन भाई थे। बंटवारे के बाद मंगत खान के पास 50 बीघा जमीन आई। मंगत खान के तीन बेटे थे। उनमें से एक रज्जाक के पिता वाहिद खान है। तीन भाइयों में बंटवारे के बाद वाहिद खाने को 20 बीघा जमीन मिली। पूरा परिवार खेती करता है।

रज्जाक का दाऊद बासौदा स्थित पुश्तैनी मकान। यहां उसके माता-पिता और तीन भाई रहते हैं।
सलीम ने कहा- रज्जाक की पत्नी से गिरफ्तारी का पता चला नासिर से बात करते करते रज्जाक का पुश्तैनी मकान आ पहुंचा। यहां रज्जाक के बड़े भाई सलीम और छोटे भाई अलीम से मुलाकात हुई। सलीम ने बताया कि हमें तो उसकी गिरफ्तारी के बारे में पता नहीं था। जब वो पकड़ा गया तो उसकी पत्नी कौसर ने फोन कर हमें बताया कि उसे पुलिस ने पकड़ लिया है।
हमने पूछा कि किस आरोप में पकड़ा है तो उसने बताया कि दोस्त ने फंसाया है। वो गुजरात में रहता है। एक महीने पहले भोपाल आया और बोला कि वो शिफ्ट होना चाहता है, इसलिए मकान दिला दो। पहले तो रज्जाक ने उसे अपने पास रखा। इसके बाद जगदीशपुरा में फैजल ने ही रज्जाक के नाम पर मकान दिलाया।
एमडी ड्रग्स के बारे में क्या जानते हैं? ये पूछने पर सलीम ने बताया कि गांव में न तो चाय की दुकान है, न ही पान की। यहां से शराब की दुकान भी 20 किलोमीटर दूर है। ड्रग्स देखना तो दूर यहां कोई ये भी नहीं जानता कि वो होती कैसी है? हम गांव वालों के लिए नशे का मतलब तंबाकू है वह भी हाथ से घिसकर खाने वाली।

रज्जाक की गिरफ्तारी के बाद से परिवार परेशान हैं।
विदिशा में हुई फैजल और रज्जाक की दोस्ती छोटे भाई अलीम बताते हैं कि रज्जाक की स्कूली पढ़ाई गांव में हुई, फिर वो बाहर पढ़ने चला गया। विदिशा के पॉलिटेक्निक कॉलेज से उसने डिप्लोमा लिया। इसी दौरान उसकी फैजल से दोस्ती हुई थी। वह अक्सर फैजल के बारे में बताता था। दोनों की पढ़ाई खत्म होने के बाद फैजल गुजरात चला गया।
रज्जाक ने भोपाल में ही एक टेलीकॉम कंपनी में नौकरी शुरू कर दी थी। 2014 तक उसने अलग-अलग टेलीकॉम कंपनियों में काम किया। इसके बाद वह टावर में मशीनें लगाने के ठेके लेने लगा। साल 2018 में उसकी शादी करा दी। एक साल तक तो दोनों मियां-बीवी गांव में ही रहे। इसके बाद भोपाल शिफ्ट हो गए।

2021 से बदल गए रिश्ते, जमीन में हिस्सा मांगने लगा परिवार के लोग बताते हैं कि कोरोना काल के बाद से उसका गांव आना-जाना कम हो गया। हमें ये पता था कि वह ठेकेदारी कर रहा है, टावर में मशीनें लगाता है, लेकिन कहां लगाता है? क्या कर रहा है? इसका पता नहीं था। बड़े भाई सलीम बताते हैं, पिछले एक–डेढ़ साल में रिश्ते और खराब हो गए थे।
वह अक्सर जमीन में अपना हिस्सा मांगता था। मैने कहा था तुम्हारी शादी हो गई है, अब केवल छोटा भाई अलीम रह गया है, उसकी शादी भी करनी है, इसके बाद तुम हिस्सा ले लेना।

दाऊद बासौदा गांव की आबादी करीब 1500 हैं। यहां ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं।
परिवार को भी शक- फैजल ने फंसाया रज्जाक के परिवार को शक है कि फैजल ने ही उसे फंसाया है। बड़े भाई सलीम कहते हैं कि रज्जाक सीधा-सादा है। वो अपने काम से काम रखने वाला लड़का है। हमें तो पूरा यकीन है कि उसे फैजल ने ही फंसाया है। वो तो टावर की मशीनों के ठेका लेने का काम करता था। इस लाइन( ड्रग्स) का आदमी नहीं था, न ही उसे इस बारे में कुछ पता था।
उनसे पूछा कि क्या वो नशे का आदी था तो वे बोले कि वो तो तंबाकू तक नहीं खाता। पैसों के लिए उसने ये काम किया? ये पूछने पर सलीम ने कहा कि उसे पैसों की जरूरत थी। वो जमीन में हिस्सा मांगने आता था, लेकिन वह पैसों का कोई लालची नहीं था।

सोशल मीडिया पर डाले गुजरात-मुंबई के वीडियो-फोटो रज्जाक पिछले दो साल में मुंबई और गुजरात गया है। उसके सोशल मीडिया अकाउंट को देखने पर पता चला है कि वह साल 2023 में दिसंबर के महीने में वह मुंबई गया था। उस दौरान उसने मुंबई विजिट के 4 वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए हैं।
वहीं साल 2024 में मार्च के महीने में वो दूसरी बार मुंबई गया। उसने समुद्र किनारे के वीडियो और अंबानी के निवास एंटालिया के बाहर के वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए थे। 2024 में ही वह गुजरात गया था। इसकी जानकारी उसने परिवार को भी दी थी। ये भी कहा था कि वह फैजल से मिलने जा रहा है।

मुंबई विजिट के दौरान रज्जाक ने ये वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था।
पुलिस ने ली कई बार घर की तलाशी, बयान 16 अगस्त को जगदीशपुरा में सुनसान इलाके के मकान से 62 किलो एमडी ड्रग बरामद होने के बाद से पुलिस और एजेंसी के लोग लगातार गांव आ रहे हैं। पुलिस भी पुश्तैनी मकान पर कई बार आ चुकी है। परिवार वाले बताते हैं, पुलिस ने कई बार तलाशी ली, लेकिन कुछ नहीं मिला।
भाई सलीम ने बताया कि हमने उन्हें वो कमरा दिखाया जहां रज्जाक का समान रखा है। इसमें शादी का पलंग है और कुछ कपड़े हैं। भोपाल शिफ्ट होने से पहले वह इन्हें छोड़ गया था। पुलिसवालों ने हम लोगों से भी पूछताछ की, तो हमें जो पता था हमने सब बता दिया। जब कुछ है ही नहीं तो उन्हें क्या मिलेगा।
पिता जमात में, मां को नहीं पता बेटा गिरफ्तार रज्जाक के पिता वाहिद धार्मिक किस्म के व्यक्ति है। बड़े भाई सलीम ने बताया कि वो जमात में गए हैं। तीन दिन बाद उनकी जमात पूरी होगी, तब वो घर आएंगे। घर पर मां जाहिद हैं, लेकिन वह बीमार रहती हैं। मां रज्जाक को प्यार से रज्जू कहती है। अभी तक हमने मां को बताया नहीं है कि रज्जाक को पुलिस ने उठाया है, उन्हें पता चलेगा तो उन्हें दुख होगा।

रज्जाक की ड्रग्स केस में गिरफ्तारी के बाद गांव के लोग भी हैरान हैं।
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भोपाल के ‘मनहूस मकान’ में बन रहा था एमडी ड्रग:लोग बोले- 7 दिन से आंखें जल रही थी; छापामार टीम ने रातभर जांच की

भोपाल के जगदीशपुरा इलाके में जिस फैक्ट्री से 92 करोड़ का एमडी ड्रग्स पकड़ाया उसे वहां के लोग मनहूस मकान कहते थे। दरअसल, पिछले आठ साल में इस मकान का दो से तीन बार सौदा हो गया, लेकिन यहां रहने कोई नहीं आया था। पड़ोसियों का कहना है कि एक महीने पहले मकान में आवाजाही शुरू हुई थी। जब यहां एमडी ड्रग्स बनने लगा तो लोगों की आंखों में जलन होने लगी थी। पढ़ें पूरी खबर
92 करोड़़ की एमडी ड्रग्स में खुलासा:तुर्किये में बैठे सलीम उर्फ डोला ने लगवाई थी एमडी ड्रग की फैक्ट्री

भोपाल के जगदीशपुरा (इस्लाम नगर) में पकड़ी गई एमडी ड्रग फैक्ट्री का कर्ताधर्ता तुर्किये से नशे का पूरा नेटवर्क चला रहा था। हवाला से फैक्ट्री के लिए धन जुटाने से लेकर कच्चे माल (केमिकल) की सप्लाई तक की जिम्मेदारी तुर्किये में बैठे तस्कर सलीम उर्फ इस्माइल उर्फ डोला के पास थी। इसमें उसका भतीजा मुस्तफा कुब्बावाला सहयोग करता था। पढ़ें पूरी खबर