सागर का 14 साल का तनिश नंदनवार बना लेखक, दूसरी किताब हुई पब्लिश, रचा मैजिकल वर्ल्ड ‘मेसोफिया’

सागर का 14 साल का तनिश नंदनवार बना लेखक, दूसरी किताब हुई पब्लिश, रचा मैजिकल वर्ल्ड ‘मेसोफिया’


अनुज गौतम, सागर: मध्य प्रदेश के सागर जिले के 14 वर्षीय तनिश नंदनवार ने अपनी प्रतिभा से सभी को चौंका दिया है. जिस उम्र में बच्चे किताबें पढ़ना सीख रहे होते हैं, उसी उम्र में तनिश अपनी दूसरी किताब लिख चुका है. उनकी नई एडवेंचर बुक “Ethereal Realms: Chronicles of Clamp” को उत्तराखंड की एक पब्लिकेशन ने प्रकाशित किया है.

हैरी पॉटर से प्रेरित होकर खुद का सुपरहीरो बनाया
तनिश सागर के केंद्रीय विद्यालय-1 में कक्षा 9वीं का छात्र है. उसे बचपन से एडवेंचर और सुपरहीरो से जुड़ी कहानियां पढ़ने का शौक रहा है. हैरी पॉटर जैसी कहानियों से प्रभावित होकर उसने सोचा कि अगर दूसरे लोग काल्पनिक किरदार बना सकते हैं तो वह भी अपना सुपरहीरो और विलेन रच सकता है.

10 साल की उम्र में लिखी पहली किताब
सिर्फ 10 साल की उम्र में तनिश ने 26 पेज की अपनी पहली किताब लिखी. इसमें उसने कल्पना की थी कि अगर सुपरहीरो और विलेन असली दुनिया में आ जाएं तो उसका असर समाज पर क्या होगा. इस किताब को काफी सराहना मिली और यहीं से तनिश को लिखने की प्रेरणा मिली.

मेसोफिया – एक नया मैजिकल वर्ल्ड
अपनी नई किताब में तनिश ने पृथ्वी से दूर एक काल्पनिक दुनिया “मेसोफिया” बनाई है. इसमें जादुई शक्तियों वाले लोग रहते हैं, जहां कई तरह की सिटीज़, जंगल और रहस्यमयी शक्तियां मौजूद हैं. कहानी का मुख्य विलेन ड्रेक है, जिसे सिटी से निष्कासित कर दिया गया था. बदले की भावना से वह बुरी शक्तियां हासिल कर इस दुनिया पर राज करना चाहता है.

लेकिन इसके मुकाबले खड़ा है सुपरहीरो Clamp, जो अपने दोस्तों के साथ कठिन परीक्षाएं पार कर जादुई शक्तियां प्राप्त करता है और ड्रेक को हराने की कोशिश करता है. किताब का पहला भाग पब्लिश हो चुका है और दूसरा भाग जल्द ही आने वाला है.

पब्लिशिंग और इनॉग्रेशन

तनिश ने इस किताब को लिखने में लगभग 6 महीने का समय लगाया, जबकि पब्लिशिंग प्रक्रिया में और 6 महीने लगे. कुल एक साल बाद किताब पाठकों के सामने आई. इसका विमोचन केंद्रीय विद्यालय की डिप्टी कमिश्नर ने किया और तनिश को शुभकामनाएं दीं.

परिवार का गर्व

तनिश के पिता खेमराज नंदनवार, जो केंद्रीय विद्यालय-4 में शिक्षक हैं, ने बेटे की उपलब्धि पर गर्व जताते हुए कहा कि इतनी कम उम्र में ऐसी कल्पना और लेखन करना वाकई अद्भुत है.
मां ने भी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि तनिश गॉड गिफ्टेड है और पढ़ाई में भी अव्वल है. तनिश की छोटी बहन कृष्णा भी भाई से प्रेरित होकर कविताएं लिखने लगी है.

भविष्य का सपना…न्यूरो सर्जन बनना

लेखन के साथ-साथ तनिश का सपना है कि वह आगे चलकर न्यूरो सर्जन बने और दिमाग की बीमारियों का इलाज कर सके. उसकी यह सोच और जुनून उसे बाकी बच्चों से अलग बनाता है.



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