हरतालिका तीज के पर्व पर मंगलवार को हरदा शहर की सुहागिन महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर शिव-पार्वती का विधि-विधान से पूजन किया और अपने अखंड सौभाग्य एवं पति की लंबी आयु की कामना की।
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व्रतधारियों ने सोमवार रात से ही व्रत की शुरुआत मीठा फल व ककड़ी खाकर की थी। इस दौरान मौसम भी महिलाओं के अनुकूल रहा। बदली और तेज हवाओं के कारण दिनभर वातावरण ठंडा और सुहावना बना रहा, जिससे निर्जला व्रतधारियों को राहत मिली।
विधिवत किया शिव-पार्वती पूजन
एलआईजी कॉलोनी निवासी जया उपरीत ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को जब चंद्रमा कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में होता है, तब यह पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुहागिनों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और कुंवारी कन्याओं को सुयोग्य वर मिलता है।
जया उपरीत ने बताया कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए इस व्रत का पालन करते हुए घोर तपस्या की थी। उसी दिन भगवान शंकर ने उन्हें वरदान दिया था, इसलिए यह व्रत विशेष फलदायी माना जाता है।
शहरभर में हुआ सामूहिक पूजन
हरदा शहर में स्थानीय मंदिरों, सामुदायिक भवनों और धर्मशालाओं में महिलाओं ने सामूहिक रूप से शिव-गौरा की पूजा-अर्चना की। नार्मदीय ब्राह्मण धर्मशाला में पंडित गोविंद शर्मा के मार्गदर्शन में हरितालिका तीज का उद्यापन किया गया, जिसमें 23 जोड़ों ने सुबह से शाम तक पूरे विधि-विधान से पूजन कर क्षेत्र की सुख-समृद्धि और शांति की कामना की।

पूरे दिन व्रत रखने के बाद महिलाओं ने शाम को शिव-पार्वती की मूर्तियों को पुष्प, अक्षत, फल, नैवेद्य अर्पित कर पूजा संपन्न की और व्रत कथा का श्रवण किया।
धार्मिक उत्साह और आस्था का माहौल
इस पर्व को लेकर शहर में धार्मिक आस्था और उत्साह का माहौल देखने को मिला। महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सजधज कर पूजा स्थलों पर पहुंचीं और विधिपूर्वक व्रत का पालन किया।
